नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के अनसिक्योर्ड लोन पोर्टफोलियो से संबंधित मानदंडों को कड़ा कर दिया हैं. इसके बाद एसबीआई कार्ड, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित शीर्ष बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी के शेयरों में 17 नवंबर को 6 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है. एसबीआई कार्ड के शेयर 7 फीसदी तक गिरकर 720.40 रुपये पर, बजाज फाइनेंस के शेयर 3 फीसदी गिरकर 7122.05 रुपये पर, जबकि पेटीएम 4 फीसदी गिरकर 870.20 रुपये पर आ गए है.
![RBI increased risk weight on consumer loans](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-11-2023/20043618_thi.png)
आरबीआई ने क्यों बढ़ाया जोखिम-भार?
आरबीआई ने बेलगाम वृद्धि को रोकने के लिए कार्ड पर लगने वाले मानदंडों को कड़ा कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने ऐसे लोन के लिए कैपिटल आवश्यकताओं को बढ़ाकर अनसिक्योर्ड कंज्यूमर लोन पर ऋण जोखिम भार बढ़ा दिया है क्योंकि इन उधारों पर चिंताएं बढ़ रही हैं. भारतीय बैंकों ने अनसिक्योर्ड लोन में तेज वृद्धि देखी है. ज्यादातर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड - जिसने पिछले साल में लगभग 15 फीसदी की ओवरऑल बैंक लोन बढ़ोतरी को पीछे छोड़ दिया है, जिसने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का ध्यान आकर्षित किया है.
इन लोन पर नहीं बढ़ा जोखिम-भार
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि आवास, शिक्षा और वाहन लोन के साथ-साथ सोने और सोने के आभूषणों द्वारा सिक्योर्ड लोन को इससे बाहर रखा जाएगा. बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड लोन के लिए जोखिम-भार (risk weight) 125 फीसदी से बढ़ाकर 150 फीसदी कर दिया गया. एनबीएफसी द्वारा जोखिम भार 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि आवास, शिक्षा, वाहन और स्वर्ण-समर्थित ऋणों को छोड़कर, बैंकों और एनबीएफसी के लिए कंज्यूमर लोन जोखिम पर पहले के 100 फीसदी से 125 फीसदी का जोखिम-भार लगेगा.