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Pak Economy: पाकिस्तान की मदद को चीन ने बढ़ाया कदम, दो अरब डॉलर कर्ज को पुनर्गठित करने पर सहमत

आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान को चीन की तरफ से राहत भरी खबर मिली है. चीन दो अरब अमेरिकी डॉलर (भारतीय करेंसी अनुसार 200 करोड़ रुपये) से अधिक के कर्ज को दो साल के लिए पुनर्गठित करने (China Agrees to Restructure Pak Debt) पर राजी हो गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Pakistan and China
पाकिस्तान और चीन
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Published : Jul 21, 2023, 1:48 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान का दोस्त कहा जाने वाला चीन उसकी मदद के लिए सामने आया है. चीन ने पाकिस्तान के दो अरब अमेरिकी डॉलर (भारतीय करेंसी अनुसार 200 करोड़ रुपये) से अधिक के कर्ज को दो साल के लिए पुनर्गठित करने पर सहमति जताई है. इस फैसले से नकदी संकट से जूझ रहे देश को बड़ी राहत मिलेगी, जो नए कर्ज के जरिए विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

इस कोशिश का परिणाम भी दिखता हुआ नजर आ रहा है. आईएमएफ, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से मिली आर्थिक मदद के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार उछलकर नौ महीने के उच्चतम स्तर पर आ गया है. पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.73 अरब डॉलर हो चुका है, जो अक्‍टूबर तक 8.76 अरब डॉलर के बाद सबसे ज्‍यादा है. हालांकि पाकिस्‍तान के ऊपर विदेशी कर्ज भी 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि गुरुवार को वित्त मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच हुए समझौते में संशोधन को मंजूरी दे दी. पाकिस्तान ने कराची में दो परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाए हैं, जिनकी कुल क्षमता 2,117 मेगावाट है. इन संयंत्रों की कुल लागत 9.5 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसके लिए चीन के निर्यात-आयात (एक्जिम) बैंक ने 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया था.

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक पुनर्गठित किए गए दो अरब डॉलर के कर्ज में 62.5 करोड़ डॉलर इसी साल चुकाने थे. बाकी राशि अगले दो सालों में चुकानी थी. हालांकि इस मामले में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है.

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(भाषा इनपुट के साथ)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान का दोस्त कहा जाने वाला चीन उसकी मदद के लिए सामने आया है. चीन ने पाकिस्तान के दो अरब अमेरिकी डॉलर (भारतीय करेंसी अनुसार 200 करोड़ रुपये) से अधिक के कर्ज को दो साल के लिए पुनर्गठित करने पर सहमति जताई है. इस फैसले से नकदी संकट से जूझ रहे देश को बड़ी राहत मिलेगी, जो नए कर्ज के जरिए विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

इस कोशिश का परिणाम भी दिखता हुआ नजर आ रहा है. आईएमएफ, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से मिली आर्थिक मदद के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार उछलकर नौ महीने के उच्चतम स्तर पर आ गया है. पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.73 अरब डॉलर हो चुका है, जो अक्‍टूबर तक 8.76 अरब डॉलर के बाद सबसे ज्‍यादा है. हालांकि पाकिस्‍तान के ऊपर विदेशी कर्ज भी 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि गुरुवार को वित्त मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच हुए समझौते में संशोधन को मंजूरी दे दी. पाकिस्तान ने कराची में दो परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाए हैं, जिनकी कुल क्षमता 2,117 मेगावाट है. इन संयंत्रों की कुल लागत 9.5 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसके लिए चीन के निर्यात-आयात (एक्जिम) बैंक ने 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया था.

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक पुनर्गठित किए गए दो अरब डॉलर के कर्ज में 62.5 करोड़ डॉलर इसी साल चुकाने थे. बाकी राशि अगले दो सालों में चुकानी थी. हालांकि इस मामले में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है.

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(भाषा इनपुट के साथ)

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