ETV Bharat / business

विश्व स्तर पर छठे सबसे मेहनती एम्प्लाइज हैं भारतीय, फिर भी नारायण मूर्ति ने ये क्यों कहा !

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 7:11 PM IST

International Labour Organization
भारतीय विश्व स्तर पर सबसे मेहनती

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कुछ दिनों पहले भारतीयों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने के लिए कहा था. लेकिन ILO डेटा से पता चलता है कि भारतीय पहले से ही विश्व स्तर पर सबसे मेहनती में से एक हैं. पढ़ें पूरी खबर...(Narayana Murthy, Narayana Murthy news, Narayana Murthy 70-hour work, 70-hour work week, indian working hours, debate on work hours, debate on Narayana murthy, GDP, Gross Domestic, Product, International Labour Organization)

नई दिल्ली: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में युवा भारतीयों से सप्ताह में 70 घंटे काम करने का आग्रह करके एक बहस छेड़ दी है. लेकिन डेटा से पता चलता है कि भारतीय पहले से ही विश्व स्तर पर सबसे मेहनती में से हैं. इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के एक हालिया बयान ने वर्क पोडक्टीवीटी और लंबे समय तक काम करने की बात कह के एक बहस के लिए टॉपिक दे दिया है.

International Labour Organization
भारतीय विश्व स्तर पर सबसे मेहनती

भारत के युवाओं को 70 घंटे काम करने को लेकर नारायण मूर्ति को कई तरह के बातों को भी सुनना पड़ रहा है. लेकिन, आश्चर्यजनक की बात तो यह है कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय पहले से ही वैश्विक स्तर पर सबसे मेहनती लोगों में से हैं, जो 2023 तक प्रति नियोजित व्यक्ति प्रति सप्ताह औसतन 47.7 घंटे काम करते है.

भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश से आगे
वहीं, जब यह संख्या दुनिया भर की दस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से मिलया जाए तो भारत सबसे लंबे औसत कार्य सप्ताह के साथ आगे स्थान पर है. विश्व स्तर पर, भारत छठे स्थान पर है, कतर, कांगो, लेसोथो, भूटान, गाम्बिया और संयुक्त अरब अमीरात सहित केवल कुछ ही देश भारतीय वर्क एथिक से आगे हैं. इस डेटा ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रुचि को बढ़ा दिया है, जो कथित तौर पर काम के घंटों पर भारत-विशिष्ट रिपोर्ट तैयार करने पर विचार कर रहा है.

Infosys co-founder Narayana Murthy
इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति ने छेड़ी बहस
हाल ही में एक पॉडकास्ट में, नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया से काफी पीछे है. उसका समाधान बताया था कि भारत के युवाओं को 70 घंटे के कार्य सप्ताह को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और जापान ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए इसी रणनीति अपनाई थी. मूर्ति की टिप्पणियों ने काफी हलचल पैदा कर दी, जिसमें काफी लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई है.

International Labour Organization
भारतीय विश्व स्तर पर सबसे मेहनती

वर्किंग डे में आगे लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी में पीछे
दरअसल, लंबे समय तक काम करने की मांग केवल मूर्ति ने ही नहीं की है. पिछले साल ही बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने करियर के शुरुआती दौर में 18 घंटे के वर्किंग डे करने की बात कही थी. हालांकि, उनके रुख के कारण लिंक्डइन पर एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया हुई और बाद में माफी मांगी गई. भारत की बात करें तो, पहले दस वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक साप्ताहिक कामकाजी घंटों का दावा करता है, लेकिन प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सबसे कम रखता है. दूसरी ओर, फ्रांस, इन अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम कार्य सप्ताह 30.1 घंटे के साथ, $55,493 पर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के उच्चतम आंकड़ों में से एक है.

International Labour Organization
भारतीय विश्व स्तर पर सबसे मेहनती

वर्किंग डे पर छिड़ी बहस
मा फोई स्ट्रैटेजिक कंसल्टेंट्स के कार्यकारी अध्यक्ष और मानव संसाधन विशेषज्ञ के पांडियाराजन ने इसपर जोर दिया है. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को 35 घंटे के वर्किंग डे के पश्चिमी मॉडल को अपनाने से बचना चाहिए. इसके बजाय, वह कर्मचारियों के स्वास्थ्य और फिटनेस को ध्यान में रखते हुए प्रति सप्ताह 48 घंटे का सुनहरा मध्य रास्ता खोजने को प्रोत्साहित करते हैं. काम के घंटों पर चर्चा अभी खत्म नहीं हुई है, और यह अपने कार्यबल की भलाई को प्राथमिकता देते हुए आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की दिशा में भारत के रास्ते के बारे में रेलिवेंट सवाल खड़ा करता है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.