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Canada-India Tension: खालिस्तानियों को लेकर ट्रूडो के कदम से दोनों देशों के व्यापार पर पड़ सकता है असर, जानें कैसे

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2023, 5:46 PM IST

Updated : Sep 23, 2023, 6:06 PM IST

Canada-India Tension
दोनों देशों का विवाद

दोनों देशों का विवाद का असर आर्थिक जगत पड़ने के आसार नजर आने लगे है. भारत से लौटने का बाद ही टूडो ने अक्टूबर में होने वाली फ्री ट्रेड व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया है. बता दें कि दोनों देशों के बीच लगभग 66 हजार करोड़ रुपये का सलाना व्यापार होता है.

नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थकों को पनाह देने के लिए कनाडा और भारत के बीच लगातार विवाद चल रहा है. इसको लेकर दोनों देशों में गर्मा-गर्मी भी है. G20 बैठक के लिए टूडो भारत आए थे. टूडो ने एक भारतीय दूतावास को निकाल दिया, जिसके जवाब में भारत ने भी एक कनाडा दूतावास को निकलने का फरमान सुना दिया है. भारत से लौटने का बाद ही टूडो ने अक्टूबर में होने वाली फ्री ट्रेड व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया है. बता दें कि भारत और कनाडा के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार होता है.

दोनों देशों के बीच लगातार रिश्ते बिगड़ रहे है, जिसका सीधा असर व्यापार पर देखने को मिल सकता है. IMF के World Economic Ranking के अनुसार भारत की कुल अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर जो दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वहीं कनाडा की GDP की साइज 2.1 ट्रिलियन डॉलर और इसके साथ ये 9वी नंबर पर है. बता दें कि भारत कनाडा से न्यूज प्रिंट, फर्टिलाइजर, कोयला, दाल, पोटाश, लकड़ी और अलमुनीयम खरीदता है.

कनाडा की बात करें तो वह भारत से हिरे-जवाहरत, रत्न, दवाइयां, खाने-पीने के समान, रेडीमेड समान, ऑटो-पार्ट, आयरन, इलेक्ट्रिक. भारत और कनाडा के बीच बराबर का ही बिजनेस होता है. साल 2020 में दोनों देशों के बीच लगभग 66 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है. वहीं, भारत ने कनाडा को करीबन 33 हजार करोड़ रुपये के समान को बेचा है. इसमें भारत ने 10 हजार करोड़ के केवल कच्चा तेल खरीदा है. भारत की तीन ऐसी कंपनियां है जो फर्टिलाइजर बनाने के लिए पोटाश पर निर्भर है.

वहीं, पिछले साल भारत ने कनाडा को सबसे ज्यादा दवाइयां बेची है, जिसकी कीमत लगभग 3 हजार करोड़ है. अगर निवेश की बात करे तो कनाडा भारत के लिए 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है. कनाडा ने भारत में साल 2000 के बाद से 30 हजार करोड़ के निवेश किया है. कनाडाई निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में अरबों का निवेश किया है. कनाडा की कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) भारत के बाजार में निवेश करने वाले सबसे बड़े विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में से एक है.

इसके अलावा CDPQ कंपनी ने भी भारत में निवेश कर रखा है. वहीं, भारत में कनाडा की 600 से ज्यादा कंपनियां है. इसके साथ ही टीएससी, व्रिपो, इंफोसिस, और 30 से अधिक कंपनियों ने कनाडा में निवेश किया है, जिसके वजह से वहां के लाखों लोगों की जॉब मिली हुई है. वहीं कनाडा में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में सबसे ज्यादा भारतीय बच्चे है. भारत कनाडा से किसी मामले में कम नहीं है. कई मामलों में तो भारत का पलड़ा कनाडा से ज्यादा भारी है. तो इस विवाद का हर्जाना भारत से ज्यादा कनाडा को भुगतना पड़ सकता है. इसके साथ ही भारत के लोग काफी संख्या में वहां नौकरी, बिजनेस और बच्चे पढ़ाई भी करते है. इस तना-तनी की आंच दोनों देशों में रह रहे लोगों के ऊपर पड़ने वाली है.

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Last Updated :Sep 23, 2023, 6:06 PM IST
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