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Infrastructure Projects: इंफ्रास्ट्रक्चर की 388 परियोजनाओं की लागत ₹4.65 लाख करोड़ बढ़ी, 809 प्रोजेक्ट में देरी

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Published : Aug 20, 2023, 1:24 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 1:30 PM IST

Infrastructure Projects
इंफ्रास्ट्रक्चर

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) की रिपोर्ट के अनुसार 1,646 परियोजनाओं में से 388 परियोजनाओं की लागत बढ़ गई है. वहीं, 809 परियोजनाओं के काम में देरी चल रही है.

नई दिल्ली : बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 388 परियोजनाओं की लागत जुलाई 2023 में तय अनुमान से 4.65 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है.

मंत्रालय की जुलाई, 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,646 परियोजनाओं में से 388 की लागत बढ़ गई है, जबकि 809 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन 1,646 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 23,92,837.89 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 28,58,394.39 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 19.46 प्रतिशत यानी 4,65,556.50 करोड़ रुपये बढ़ गई है.’

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388 परियोजनाओं के काम में देरी

रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 तक इन परियोजनाओं पर 15,21,550.38 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 53.23 प्रतिशत है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 602 पर आ जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 809 परियोजनाओं में से 177 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 192 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 318 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 122 परियोजनाएं 60 महीने से अधिक की देरी से चल रही हैं. इन 809 परियोजनाओं में विलंब का औसत 37.44 महीने है. इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है.

इसके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, इंजीनियर द्वारा बनाए गए स्ट्रक्चर के काम में देरी, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, टेंडर प्रोसेस में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं के काम पूरा होने में देरी हो रही है.

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(पीटीआई- भाषा)

Last Updated :Aug 20, 2023, 1:30 PM IST
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