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अर्थव्यवस्था और रोजगार के मामले में फिसड्डी रही सरकार : यशवंत सिन्हा

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Published : Aug 14, 2021, 7:12 PM IST

Updated : Aug 14, 2021, 8:47 PM IST

भारत के पूर्व वित्त मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने केंद्र सरकार के सात साल के आंकड़ों के साथ मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और रोजगार के मामले में सरकार फिसड्डी रही है.

यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा

नई दिल्ली : भारत के पूर्व वित्त मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई और पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों पर मोदी सरकार को आंकड़ों के साथ घेरा है. शनिवार को दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने सरकार के 7 साल के कार्यकाल का विश्लेषण आंकड़ों के साथ पेश करते हुए कहा कि इन तमाम मुद्दों पर सरकार विफल रही है.

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल से पहले वर्ष 2013 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर (डॉलर में) 6.39 फीसदी थी और लगातार बढ़ते क्रम में थी. 2016 तक यह बढ़ते हुए 8.26 फीसदी तक पहुंच गई, लेकिन उसके बाद इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई और 2019 में यह 4.04 फीसदी तक पहुंच गई. वहीं 2020 में जब कोरोना काल का वर्ष रहा तब यह 7.96 फीसदी पर आ पहुंची.

यशवंत सिन्हा के मुताबिक इसका प्रमुख कारण 2016 में मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी का निर्णय है जो बहुत गलत कदम रहा. उन्होंने कहा कि आज 5 साल बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि सरकार का यह कदम पूरी तरह से विफल रहा और इससे किसी तरह के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हुई.

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मुद्रास्फीति पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि 2013 में महंगाई दर 11.06 फीसदी थी जो कि उस समय यूपीए सरकार की 2014 में हार का मुख्य कारण भी रही. 2014 में यह 6.65 फीसदी, 2015 में 4.91 फीसदी , 2016 में कुछ बढ़ कर 4.95 फीसदी और 2017 में और नीचे आ कर 3.33 फीसदी तक आई. वहीं 2018 और 2019 में महंगाई दर क्रमशः 3.95 फीसदी और 3.72 फीसदी रही लेकिन वर्ष 2020 में यह अप्रत्याशित रूप से बढ़ते हुए 6.62 फीसदी पर पहुंच गई.

बेरोजगारी पर भी तृणमूल के उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार से पहले और बाद के आंकड़े सामने रखे. उनके आंकड़ों के मुताबिक 2013 में बेरोजगारी दर 5.67 फीसदी थी लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में यह लगातार 5 से ऊपर ही रही और 2020 में यह बढ़ कर 7.11 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं पेट्रोलियम की लगातार बढ़ती कीमतों पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटी हैं लेकिन देश में डीजल- पेट्रोल सिर्फ महंगे हुए हैं.

वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोल की कीमतें 76 बार बढ़ी हैं जबकि डीजल की कीमतें 73 बार तक बढ़ी. पहले जहां डीजल,पेट्रोल और रसोई गैस पर टैक्स के माध्यम से 75000 करोड़ रुपये सरकार वसूलती थी आज वह बढ़ कर 3.36 लाख करोड़ रुपये सरकार द्वारा वसूला जा रहा है.

Last Updated : Aug 14, 2021, 8:47 PM IST
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