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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस : जानिए, क्या है इसकी खासियत

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Published : Jun 7, 2021, 6:01 AM IST

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाजार पहुंच, पर्यटन और सतत विकास में योगदान करने, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित करना और कार्रवाई को प्रेरित करना है.

हैदराबाद : सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा (Food Safety), मानव स्वास्थ्य (Human Health), आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाजार पहुंच, पर्यटन और सतत विकास (tourism and sustainable development) में योगदान करने, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित करना और कार्रवाई को प्रेरित करना है.

खाद्य सुरक्षा में सुधार का महत्व

उत्पादन से लेकर कटाई, प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण, प्रस्तुती और उपभोग तक के सभी खाद्य श्रृंखला के हर चरण में खाद्य सुरक्षित रहे, यह सुनिश्चित करने में खाद्य सुरक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

खाद्य जनित बीमारियों के सालाना अनुमानित 600 मिलियन मामलों के साथ, असुरक्षित भोजन मानव स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक खतरा है. जो कमजोर और हाशिए के लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों, संघर्ष से प्रभावित आबादी और प्रवासियों को असमान रूप से प्रभावित कर रहा है.

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हर साल विश्वभर से अनुमानित 420000 लोगों की मौत दूषित खाना खाने से होती है. पांच साल उम्र तक के 40 फीसदी बच्चों में खाद्य जनित बीमारी होती है, जिसकी वजह से 125000 मौतें हर साल होती हैं.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 विषयवस्तु : इस साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) का विषयवस्तु ' स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन' (Safe food today for a healthy tomorrow) है.

भारत में खाद्य सुरक्षा

भारत में खाद्य पदार्थों में मिलावट एक गंभीर मुद्दा है. जिसमें औसतन 4 खाद्य नमूनों में से 1 सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं होता है. ये मानक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI) द्वारा निर्धारित किए गए हैं.

2015-2020 की अवधि के आंकड़ों के आधार पर, गैर-अनुरूप नमूनों के उच्चतम प्रतिशत वाले शीर्ष पांच राज्य- उत्तर प्रदेश (49.9%), मिजोरम (42.2%), झारखंड (38.9%), नागालैंड (36.8%) और तमिल नाडु (34.4%) हैं.

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खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के कार्यों की कैग (CAG) ने की आलोचना

2017 में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (The Comptroller and Auditor General- CAG) के FSSAI ऑडिट में कुछ प्रतिकूल टिप्पणियां थीं.

मिसाल के तौर पर, न FSSAI और न ही राज्य खाद्य अधिकारियों ने जोखिम-आधारित निरीक्षण के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं का दस्तावेजीकरण किया है. यहां तक कि FSSAI के पास खाद्य व्यवसाय पर कोई डेटाबेस उपलब्ध नहीं है.

72 राज्य खाद्य प्रयोगशालाओं में से 65 जिन्हें FSSAI और राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने परीक्षण के लिए खाद्य नमूने भेजे थे, जिन्हें राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories-NABL) की मान्यता नहीं मिली. नतीजतन, इन प्रयोगशालाओं द्वारा हुए परीक्षण की गुणवत्ता का भरोसा नहीं किया जा सकता है.

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