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क्या राज्यसभा में जाएंगे सौरव गांगुली या डोना गांगुली बनेगी संसद सदस्य, बंगाल में चर्चा गरम है

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Published : May 9, 2022, 6:18 PM IST

Sourav or Dona
Sourav or Dona

बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली क्या राजनीति में कदम रखेंगे? अगर राजनीति में आएंगे तो बीजेपी जॉइन करेंगे. इस सवाल का जवाब न तो दादा गांगुली दे रहे हैं और न ही बीजेपी. फिलहाल एक चर्चा यह है कि बीजेपी ने सौरव गांगुली या उनकी पत्नी डोना गांगुली को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का प्रस्ताव दिया है. दादा राजी हैं या नहीं, इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कोलकाता : पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी नेताओं के साथ बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के आवास पर डिनर किया था. उस दिन से यह चर्चा गरम हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल होने के लिए मना रही है. हालांकि यह चर्चा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले से ही हवा में है. मगर इस कयास में भी एक नया ट्विस्ट आ गया है. बताया जा रहा है कि डिनर के दौरान गृह मंत्री ने सौरव गांगुली को राज्यसभा का ऑफर दिया. यह भी बताया जा रहा है कि अगर सौरव राजनीति में सीधे तौर पर नहीं आना चाहते हैं तो उनकी पत्नी डोना गांगुली को यह मौका दिया जा सकता है. अभी राष्ट्रपति राज्यसभा की 12 सीटों पर कला, राजनीति, विज्ञान, सोशल सर्विस, खेल से जुड़ी हस्तियों और बुद्धजीवियों को नॉमिनेट करने वाले हैं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सौरव गांगुली या डोना गांगुली में से किसी एक को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया जा सकता है, हालांकि दादा ने अभी तक इस प्रस्ताव पर भी हामी नहीं भरी है.

राष्ट्रपति कैसे करते हैं राज्यसभा के लिए मनोनयन : राज्यसभा के लिए मनोनयन संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया जाता है. इसके तहत सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति राज्यसभा के 250 सदस्यों में से 12 को मनोनीत करते हैं. सरकार समाज के विभिन्न क्षेत्रों में शानदार योगदान देने वाले लोगों को सम्मानस्वरुप राज्यसभा की सदस्यता देने की सिफारिश राष्ट्रपति से करती है. राष्ट्रपति इनके मनोनयन पर अंतिम मुहर लगाते हैं. राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों के पास राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं होता है. हालांकि वह सदन के सामान्य कामकाज में चुने गए सदस्यों की तरह ही काम कर सकते हैं.

अप्रैल में पश्चिम बंगाल से मनोनीत राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली और स्वप्न दास गुप्ता का कार्यकाल समाप्त हो गया. पूर्व पत्रकार स्वपन दासगुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्यसभा से इस्तीफा देकर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वह दोबारा मनोनीत किए गए. अब राष्ट्रपति एक बार फिर रिक्त हुए पदों पर सरकार की अनुशंसा के आधार पर सदस्यों को मनोनीत करेंगे. सौरव गांगुल न सिर्फ 2000 से 2005 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं बल्कि क्रिकेट प्रशासक के तौर पर भी उन्हें लंबा अनुभव है. चूंकि इस खेल से जुड़े सचिन तेंदुलकर को कांग्रेस कार्यकाल के दौरान राज्यसभा के लिए मनोनीत किया जा चुका है, इसलिए बीजेपी को सौरव के मनोनयन पर विवाद न होने की संभावना है. दूसरी ओर सौरव की पत्नी डोना गांगुली मशहूर ओडिसी नृत्यांगना हैं. आर्ट एंड कल्चर में अहम योगदान देने के लिए उनके मनोनयन पर भी हल्ला-हंगामा की आशंका नहीं है. हालांकि अभी तक सौरव और डोना गांगुली की ओर से राज्यसभा में मनोनयन के प्रस्ताव के बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है.

पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार का कहना है कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. इस बारे में वह मीडिया में बात नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इस मुद्दे को दिल्ली में बैठा केंद्रीय नेतृत्व देख रहा है. उनका कहना है कि ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही लेगा.

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