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Rajasthan Politics : गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- लाल डायरी में जरूर कुछ काला, ये रहस्य जानना चाहती है जनता

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Published : Jul 24, 2023, 8:16 PM IST

Union Minister Gajendra Singh Shekhawat
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के आरोपों को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर बोला हमला है. उन्होंने आरोप लगाया कि लाल डायरी में गहलोत के कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार के राज हैं. इसके तार दिल्ली में आलाकमान तक जुड़े हुए हैं.

जयपुर. राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के विधानसभा में लाल डायरी लहराने और उन्हें जबरन सदन में बाहर निकालने के प्रकरण पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जोरदार हमला बोला. सोमवार को भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि यह राजस्थान के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है, जब किसी विधायक के साथ ऐसा व्यवहार किया गया.

लाल डायरी को लेकर घबराहट क्यों : उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि जिस लाल डायरी का जिक्र गुढ़ा कर रहे हैं, उसके विषय में उनको पूरा खुलासा करना चाहिए. लाल डायरी में क्या है, पूरा प्रदेश जानना चाह रहा है. शेखावत ने दावा किया कि लाल डायरी में गहलोत सरकार के कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार के राज हैं. इसके तार दिल्ली में आलाकमान तक जुड़े हुए हैं. लाल डायरी के नाम पर ही कांग्रेस सरकार के मुखिया और मंत्रियों में घबराहट दिखाई देती है. राजेंद्र गुढ़ा ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि इस लाल डायरी से सरकार हिल जाएगी. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत से पूछना चाहता हूं कि लाल डायरी को लेकर सरकार और उनमें इतनी घबराहट क्यों है?

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छीनकर ले आए थे लाल रंग की डायरी : केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2020 में जब कांग्रेस में अंतरकलह चरम पर थी, अपने आलाकामन से मिलने के लिए कुछ विधायक दिल्ली के पास डेरा डाले बैठे थे. उसी कालखंड में सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी के यहां इनकम टैक्स ने रेड डाली थी. इस दौरान लाल रंग की डायरी और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज रिकवर किए गए. दावा है कि राजस्थान पुलिस की मिलीभगत से उस समय राजेंद्र गुढ़ा, जो उस समय विधायक थे और गहलोत के कृपा पात्र थे, 50 से अधिक समर्थकों के साथ जाकर इनकम टैक्स के अधिकारियों से लाल रंग की डायरी छीनकर ले आए थे. ऐसा कहा जाता है कि उस डायरी में सीएम गहलोत के बहुत सारे राज छिपे थे.

लाल डायरी में कुछ काला : शेखावत ने कहा कि आज विधानसभा में जिस तरह कांग्रेस के विधायकों में उस लाल डायरी को छीनने की होड़ मची हुई थी, उससे लगता है कि कहीं न कहीं उस लाल डायरी में कुछ काला है. उन्होंने सीएम गहलोत से प्रश्न पूछा कि आपने क्यों राजेन्द्र गुढ़ा को वहां भेजकर जबरन लाल डायरी मंगवाई? क्या राजस्थान की गरीब जनता की भलाई के लिए चलाई गई योजनाओं से लूटे गए पैसों का उसमें हिसाब था? उन पैसों का कब, कहां और कौन उपयोग कर रहा था? कौन अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए उपयोग कर रहा था? किसने कहां प्रॉपर्टी बनाई? क्या इन सबकी जानकारी उसमें थी? राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि डायरी में 500 करोड़ का हिसाब था. उनको चुप रखने के लिए ही उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया था, इसलिए वे ढाई साल तक चुप रहे. उन्होंने जो प्रश्न खड़े किए, सरकार उन्हें झेल नहीं पा रही थी.

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सरकार की बौखलाहट स्पष्ट : केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव के लिए कब, किसको और कितना पैसा दिया गया, इसका भी हिसाब है. इससे सरकार की बौखलाहट स्पष्ट होती है. इससे यह भी समझ में आ रहा है कि क्यों राजेंद्र गुढ़ा की बयानबाजी को इतने दिन तक गहलोत सहन कर रहे थे. लाल डायरी का रहस्य जिस दिन खुलेगा, कई लोगों का राजनीतिक वजूद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा.

लाल, पीली, हरी डायरियों में जनता का हिसाब : राज्य में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर तंज कसते हुए शेखावत ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा ने अजमेर ब्लैकमेल कांड के विषय में भी चर्चा की. पेपरलीक की डायरी निकलेगी, वह नीले रंग की होगी. माइनिंग माफिया की डायरी काले या पीले रंग की होगी. नौकरियों में हुए घोटाले की डायरी किसी और रंग की होगी. पता नहीं, कितने रंग की डायरियां हैं. इनमें हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जानकारी है. गरीब कल्याण के लिए बनी योजनाओं के पैसे डकार कर ऐसी लाल, पीली, हरी डायरियों में हिसाब लिखा गया है. कभी सरकार बचाने के लिए, कभी राज्यसभा का मेंबर बनाने के लिए और कभी अपने आकाओं को खुश करने के लिए इन डायरियों का उपयोग किया गया है. राजस्थान की जनता इनके खुलासे का इंतजार कर रही है.

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डायरी से निकले जिन्न के सूत्र दिल्ली तक : केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है. उस भ्रष्टाचार से कमाए धन से राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति की जा रही है. इस डायरी से निकले जिन्न के सूत्र जयपुर से लेकर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय को जोड़ने वाले हैं. इस पैसों का उपयोग आलाकमान को खुश रखने और अपनी कुर्सियां बचाने के लिए किया गया होगा.

  • मैं अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि वह लाल डायरी क्या है

    और उस लाल डायरी को लेकर सरकार में और मुखिया जी में इतनी घबराहट क्यों है? pic.twitter.com/cAOK5TPMWp

    — Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मणिपुर पर चर्चा से विपक्ष भगा रहा : शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार की नाकामियों का उजागर करने के लिए प्रदेश में 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान शुरू किया है. इसमें भ्रष्टाचार, पेपर लीक, माफियाराज, किसानों के खिलाफ वादा-खिलाफी आदि के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी. एक सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा कि सरकार संसद में मणिपुर को लेकर डिबेट करना चाहती है, लेकिन जब चर्चा होगी तो विपक्ष पर भी उंगलियां उठेंगी. राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर उंगली उठेगी, इस बात के डर से विपक्ष चर्चा से भगा रहा है.

राजदार आलाकमान से ज्यादा मुख्यमंत्री को प्रिय : केंद्रीय मंत्री शेखावत ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मंत्री शांति घारीवाल की ओर से किए गए घोटालों की गूंज विधानसभा में कई बार सुनाई दी है. विधानसभा के पटल में मंत्री का दर्जा प्राप्त और सलाहकार के रूप में नामित विधायकों ने खड़े होकर मंत्री पर घोटालों का आरोप लगाया है. फिर भी मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. आलाकमान को चुनौती देते हुए वे अपने यहां विधायकों को बुलाकर मास सस्पेंशन करा दें, तब इसका उत्तर सामने आ जाता है कि यह राजदार आलाकमान से भी ज्यादा मुख्यमंत्री को प्रिय हैं. जिस दिन जांच होगी, राजस्थान में एक भी भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा.

(प्रेस नोट)

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