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30 में से महज 12 राज्यों ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति धनराशि जारी की : मंत्री वीरेंद्र

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Published : Jun 6, 2023, 6:50 PM IST

अनुसूचित जाति के छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 30 राज्यों में सिर्फ 12 राज्यों ने राशि जारी की है. इस बारे में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार (Union Social Justice and Empowerment Minister Dr. Virendra Kumar) ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी.

Union Social Justice and Empowerment Minister Dr Virendra Kumar
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार

नई दिल्ली : देश के 30 राज्यों में से केवल 12 राज्यों ने अनुसूचित जाति के छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए धनराशि जारी की गई है. उक्त जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार (Union Social Justice and Empowerment Minister Dr. Virendra Kumar) ने मीडिया से बातचीत में दी. वहीं मंत्री से फंड देने में विफल रहने वाले राज्यों के नाम पूछे जाने पर उन्होंने उन राज्यों के नाम नहीं बताए, लेकिन कहा कि अकेले केंद्र सब कुछ नहीं कर सकता. बता दें कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 6.615 मिलियन छात्रों को टॉरगेट करते हुए चालू वित्त वर्ष में 5,660 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे. गौरतलब है कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है.वहीं मैनुअल सफाई के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 508 जिलों में मैनुअल सफाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है. बताते चलें कि पिछले महीने तमिलनाडु में मैला की मैनुअल सफाई करने के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.

इसके अलावा 508 जिलों में इस जाति आधारित खतरे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम इस खतरे को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसी क्रम में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया थाकि 2017 से 2022 के बीच देश में सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 400 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा 508 जिलों में इस जाति आधारित खतरे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम इस खतरे को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसी क्रम में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया थाकि 2017 से 2022 के बीच देश में सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 400 लोगों की मौत हुई है. इसमें सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में (61) हुई है, इसके बाद तमिलनाडु (56), हरियाणा (51) और फिर दिल्ली (46) का स्थान आता है. वहीं केंद्र में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी के विजन की सराहना की और कहा, '2014 के बाद बहुत कुछ बदल गया है क्योंकि लाखों लोग अब नि: शुल्क जल पहुंच, गैस कनेक्शन, गरीबों के लिए घर के अलावा कई अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.'

कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना मंत्री ने सबसे पुरानी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब हम घूमते हैं और गांवों का दौरा करते हैं और आबादी के निचले तबके के लोगों से बात करते हैं तो वे सभी पीएम मोदी की उन योजनाओं के लिए प्रशंसा करते हैं जो सीधे लाभ पहुंचा रही हैं. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान दिव्यांगजन के कल्याण की दिशा में अभूतपूर्व काम किया है.'

डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के लागू होने के बाद विकलांगों की श्रेणियां 7 से बढ़कर 21 हो गई हैं. इसके अलावा सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं उच्च शिक्षा में 5 प्रतिशत आरक्षण किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा विभाग उन योजनाओं के साथ आ रहा है जो 'दिव्यांगजन' को सीधे लाभान्वित कर रहे हैं और हम उन्हें छात्रवृत्ति, विदेश में अध्ययन कार्यक्रम प्रदान करके उनके कल्याण के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं इसलिए आत्मनिर्भर भारत में अब दिव्यांगजन का योगदान एक बड़ी भूमिका निभाएगा.

दिव्यांग लोगों के लिए खेलों को बढ़ावा देने पर उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालिंपिक में 54 पैरा एथलीटों ने भाग लिया और 19 पदक जीते. यह एक बड़ी सफलता है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दिव्यांगों के लिए एक खेल परिसर का निर्माण भी प्रक्रिया में है और इसके द्वारा हम दिव्यांग खिलाड़ियों का समर्थन और प्रचार करेंगे. विकलांग व्यक्तियों के लिए अद्वितीय आईडी पहल के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने जवाब दिया कि केंद्र अकेले ऐसा नहीं कर सकता है. संबंधित राज्य हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं और इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं उन्हें इस मामले को देखना चाहिए.

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