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Clash In Manipur Over Land Encroachment : भूमि के 'अतिक्रमण' को लेकर जनजातीय प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मणिपुर में झड़प

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Published : Mar 11, 2023, 12:09 PM IST

Updated : Mar 11, 2023, 2:13 PM IST

इंडिजिनस ट्राइबल लीर्ड्स फोरम (आईटीएलएफ) सहित विभिन्न निकायों द्वारा बुलाई गई रैली ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. जिसके बाद पुलिस स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की तो भीड़ ने हिसंक रूप अख्तियार कर लिया.

Clash In Manipur Over Land Encroachment
मणिपुर में झड़प

इम्फाल : मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आरक्षित वनों एवं वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भूमि का अतिक्रमण किए जाने का आरोप लगाने वाले स्थानीय प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस ने बताया कि इंडिजिनस ट्राइबल लीर्ड्स फोरम (आईटीएलएफ) सहित विभिन्न निकायों द्वारा आहूत विरोध रैली में भाग लेने के लिए शुक्रवार को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोग कांगपोकपी शहर में थॉमस के पास एकत्र हुए. उसने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसके बाद हिंसक झड़प शुरू हो गई.

  • #WATCH | Several protesters & members of security forces in Kangpokpi district, Manipur injured as a protest rally turned violent. The incident of violence was reported.

    People were protesting over the alleged injustice of state govt against land rights of tribal population. pic.twitter.com/7tAdNYvyzv

    — ANI (@ANI) March 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : Karnataka Cong Leader R Dhruvanarayana passed away: कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष आर ध्रुवनारायण का हार्ट अटैक से निधन

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के कारण कम से कम पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए और प्रदर्शनकारियों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि हालात को बाद में काबू कर लिया गया. राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे. उन्होंने कहा कि वे संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे... वहां लोग अफीम की खेती और नशीली दवाओं के कारोबार के लिए आरक्षित वनों, संरक्षित वनों और वन्यजीव अभयारण्यों का अतिक्रमण कर रहे थे.

पढ़ें : Delhi liquor policy case : ईडी मुख्यालय पहुंची के कविता

प्रदर्शनकारियों ने बाद में कांगपोकपी के उपायुक्त केंगू जुरिंगला के माध्यम से राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा. कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में गुरुवार को आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी. इस बीच मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का हक नहीं है. लोकतांत्रिक तरीके से हर कोई अपनी बात कह सकता है. लेकिन कानून व्यवस्था तोड़ने पर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

पढ़ें : Andhra Pradesh Ex-Ministers Murder Case : पूर्व मंत्री की हत्या के मामले में वाईएसआरसी सांसद के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश

(पीटीआई-भाषा)

इम्फाल : मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आरक्षित वनों एवं वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भूमि का अतिक्रमण किए जाने का आरोप लगाने वाले स्थानीय प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस ने बताया कि इंडिजिनस ट्राइबल लीर्ड्स फोरम (आईटीएलएफ) सहित विभिन्न निकायों द्वारा आहूत विरोध रैली में भाग लेने के लिए शुक्रवार को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोग कांगपोकपी शहर में थॉमस के पास एकत्र हुए. उसने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसके बाद हिंसक झड़प शुरू हो गई.

  • #WATCH | Several protesters & members of security forces in Kangpokpi district, Manipur injured as a protest rally turned violent. The incident of violence was reported.

    People were protesting over the alleged injustice of state govt against land rights of tribal population. pic.twitter.com/7tAdNYvyzv

    — ANI (@ANI) March 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के कारण कम से कम पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए और प्रदर्शनकारियों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि हालात को बाद में काबू कर लिया गया. राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे. उन्होंने कहा कि वे संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे... वहां लोग अफीम की खेती और नशीली दवाओं के कारोबार के लिए आरक्षित वनों, संरक्षित वनों और वन्यजीव अभयारण्यों का अतिक्रमण कर रहे थे.

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प्रदर्शनकारियों ने बाद में कांगपोकपी के उपायुक्त केंगू जुरिंगला के माध्यम से राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा. कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में गुरुवार को आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी. इस बीच मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का हक नहीं है. लोकतांत्रिक तरीके से हर कोई अपनी बात कह सकता है. लेकिन कानून व्यवस्था तोड़ने पर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

पढ़ें : Andhra Pradesh Ex-Ministers Murder Case : पूर्व मंत्री की हत्या के मामले में वाईएसआरसी सांसद के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 11, 2023, 2:13 PM IST
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