ETV Bharat / bharat

Supreme Court On Hate Speech: मुंबई में हिंदू जन आक्रोश सभा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 फरवरी को करेगा सुनवाई

author img

By

Published : Feb 2, 2023, 5:28 PM IST

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को हिंदू जन आक्रोश सभा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अभद्र भाषा के खिलाफ गुरुवार यानी 3 फरवरी को एक याचिका पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया, जो 5 फरवरी को आयोजित होने वाली है. न्यायमूर्ति केएम जोसेफ, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष गुरुवार को इस मामले का उल्लेख किया गया.

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि उसने मुंबई में 5 फरवरी को होने वाले अभद्र भाषा कार्यक्रम के खिलाफ एक याचिका की जांच करने पर सहमति जताते हुए नफरत फैलाने वाले भाषणों के संबंध में कई आदेश पारित किए, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस ऋषिकेश रॉय के साथ वाली बेंच ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की मंजूरी के अधीन मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए पोस्ट किया जाएगा. बेंच ने वकील से कहा, आप आदेश पाकर हमें बार-बार शर्मिदा करते हैं, क्योंकि हमने इतने आदेश पारित कर दिए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. सुप्रीम कोर्ट को घटना-दर-घटना के आधार पर आदेश पारित करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए.

पीठ ने वकील से कहा, हम इस पर आपके साथ हैं, लेकिन यह समझ लें कि हर बार सुप्रीम कोर्ट को ट्रिगर नहीं किया जा सकता. वकील ने जोर देकर कहा कि मुंबई में आयोजित कथित अभद्र भाषा रैली का हवाला देते हुए इस मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. पीठ ने जोर देकर कहा, उसने पहले ही एक आदेश पारित कर दिया है, जो काफी स्पष्ट है. पूरे देश में रैलियां होती हैं, ऐसे में हर बार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आवेदन होगा, तो यह कैसे संभव हो सकता है?

वकील ने तर्क दिया कि इसी तरह की एक रैली कुछ दिन पहले आयोजित की गई थी, जहां मुस्लिम समुदायों का आर्थिक और सामाजिक रूप से बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था. उन्होंने कहा कि रैली में लगभग 10,000 लोगों ने भाग लिया. वकील की दलीलों को सुनने के बाद, पीठ ने कहा, सीजेआई के आदेश के अधीन हम इसे कल सूचीबद्ध करेंगे. केवल यह मामला, पूरा बैच नहीं.

याचिका में कहा गया, इन रैलियों में जन भागीदारी न केवल सरकारी अधिकारियों की सहमति और ज्ञान से आयोजित की जा रही है, बल्कि उनकी सक्रिय भागीदारी से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में हमारे राष्ट्र की नींव के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है. नफरत सिखाई जा रही है और इस तरह की बेबाकी के साथ युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला जा रहा है, जो अनिवार्य रूप से पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा को जन्म देगा.

याचिका में कहा गया है कि रैलियों का आयोजन 'हिंदू जन आक्रोश सभा' के बैनर तले हुआ. पिछली ऐसी रैली 29 जनवरी को मुंबई में हुई थी और 10,000 से अधिक लोगों ने रैली में भाग लिया था, जिसमें मुसलमानों के स्वामित्व वाली दुकानों से सामानों का बहिष्कार करने और 'लव जिहाद' और 'धार्मिक रूपांतरण' के खिलाफ कानून बनाने की मांग की गई थी.

याचिका में कहा गया, सकल हिंदू समाज मुंबई में 5 फरवरी 2023 को इसी तरह की एक और रैली का आयोजन करेगा. उक्त रैली में कम से कम 15,000 लोगों के भाग लेने की उम्मीद है. इस तरह के घृणास्पद भाषण दिए जाने की पूरी संभावना है.

पढ़ें: SC Rejects Plea : एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने संबंधी याचिका खारिज

पिछले साल अक्टूबर में, शीर्ष अदालत ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को निर्देश दिया था कि वे नफरत फैलाने वाले भाषणों पर सख्ती से पेश आएं, शिकायत दर्ज होने का इंतजार किए बिना दोषियों के खिलाफ तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.