नई दिल्ली: राजधानी में पुराना किला, अपने अंदर पुरातात्विक महत्व की कई चीजें आज भी समेटे हुए हैं. यहां जब-जब खुदाई की गई है, किसी न किसी काल के अवशेष मिले हैं. माना जाता है कि यह स्थान पांडवों की राजधानी, इंद्रप्रस्थ का भी हिस्सा थी. इसी का पता लगाने के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को पुराने किले में खुदाई करनी थी, लेकिन फंड के अभाव में ऐसा नहीं किया जा सका. अब एक माह बाद मानसून आने पर खुदाई नहीं हो पाएगी. अधिकारियों की मानें तो अब खुदाई अक्टूबर या नवंबर में हो सकती है.
दरअसल, पुराने किले में सबसे पहले सन् 1969-70 में में खुदाई हुई थी. तब यहां पर आठ अलग-अलग काल के अवशेष मिले थे. इसके बाद वर्ष 2013-14, वर्ष और 2017-18 में मौर्य काल तक के अवशेष मिले थे. इतना ही नहीं, वर्ष 2023 में पुराने किले में खुदाई की गई तो कुषाण काल तक के अवशेष मिले थे. इस दौरान मिले अवशेषों को पुराने किले के म्यूजियम में रखा गया है.
एसआई के डायरेक्टर (म्यूजियम) वसंत कुमार स्वर्णकार के नेतृत्व में 2023 में करीब 200 साल पुराने कुंती मंदिर के सामने खुदाई की गई थी. अभी तक मौर्य काल के पहले के भी अवशेष मिल चुके हैं. एएसआई के केंद्रीय अधिकारियों का कहना है कि खुदाई के लिए दिल्ली सर्कल को फंड की व्यवस्था करनी थी, लेकिन अभी तक फंड की व्यवस्था नहीं हो सकी है, जिससे पुराने किले में आगे की खुदाई नहीं हो सकी. वहीं दिल्ली सर्कल चीफ व सुपरिंटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट प्रवीण सिंह ने कहा कि फंड मुख्यालय को जारी करना था. दिल्ली सर्कल को मैन पावर, गाड़ी व अन्य संसाधन की व्यवस्था करनी है. जब भी खुदाई शुरू होगी ये सारी व्यस्थाएं दिल्ली सर्कल की ओर से की जाएंगी.
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अब तक खुदाई में मिले हैं इन 10 कल्चरल लेवल की वस्तुएं: एएसआई अधिकारियों के मुताबिक पुराने किले की खुदाई के दौरान मौर्य काल के पहले के काल, मौर्य काल, सुंग काल, कुषाण काल, गुप्त काल, उत्तर गुप्त काल, राजपूत काल, सल्तनत काल, मुगल काल और ब्रिटिश काल के प्रमाण मिले हैं. इसमें सबसे पुरानी, मौर्य काल से पहले की चीजें हैं, जो पांचवी इसवी की मानी जाती हैं.