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Teachers Day 2023: कोरोना काल में बच्चों के घर-घर पहुंचाई किताब, गांव-गांव से बच्चियों को लाईं स्कूल, पानीपत की सीमा अहलावत को सरकार करेगी सम्मानित

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 8:05 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 7:01 AM IST

Panipat Teacher seema ahlawat
Haryana Teachers Day Special

Teachers Day 2023: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस 2023 के अवसर पर हरियाणा सरकार पानीपत के 7 शिक्षकों को सम्मानित करेगी. सम्मान पाने वाले इन शिक्षकों ने सही मायने में गुरू होने का फर्ज निभाया और कोरोना के कहर के बीच बी बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ने दिया. सम्मानित होने वालों में पानीपत के तीन शिक्षक भी शामिल हैं, जिनमें एक नाम सीमा अहलावत का भी है. (Panipat Teacher State Award)

पानीपत की सीमा अहलावत को मिलेगा हरियाणा स्टेट अवार्ड.

पानीपत: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है. हरियाणा सरकार इस अवसर पर प्रदेश के 69 शिक्षकों को उनके सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित करेगी. इनमें से तीन शिक्षक पानीपत जिले के हैं. सम्मान के लिए चुने गये शिक्षकों ने अपने बेहतरीन सेवा से ना केवल बच्चों का भविष्य संवारा बल्कि स्कूलों में ड्रॉप आउट भी कम करने में अहम भूमिका निभाई. इनमें से कई टीचर कोरोना काल में भी अपनी जिंदगी दांव पर लगाकार बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा.

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बेटियों की शिक्षा के लिए किया विशेष काम: शिक्षक दिवस 2023 पर सम्मानित होने वाले अध्यापकों में एक सीमा अहलावत भी हैं. सीमा अहलावत को स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम किया. जिसके चलते स्कूलों से ड्रॉप आउट जीरो हो गया. इसके अलावा छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए भी उत्कृष्ट कार्य किया है.

सीमा के स्कूल में 100 प्रतिशत रिजल्ट- 2000 में टीचर बनीं सीमा अहलावत ने बताया कि वह अब तक चार स्कूलों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. वह जिस स्कूल में भी कार्यरत थी उस स्कूल की स्ट्रैंथ और रिजल्ट हमेशा 100 प्रतिशत तक रहा. इतना ही नहीं जिस स्कूल में भी वो गई वहां बच्चों का ड्रॉप आउट शून्य रहा. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी स्कूल के बच्चों की अच्छा प्रदर्शन रहा. सीमा बच्चियों को मानसिक और शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष कार्य करती हैं.

कोरोना काल में बच्चों के घर पहुंचाई किताब: सीमा अहलावत बताती हैं कि वह बच्चों को कोरोना काल में उनके घर-घर पहुंचकर किताबें पहुंचाती रही हैं, ताकि बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रभाव ना पड़े. सीमा का मानना है कि जिस ग्रामीण क्षेत्र में वह बच्चों को शिक्षा दे रही है, वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. बच्चों के पास फोन भी नहीं थे. इसलिए उन्होंने बच्चों को घर-घर जाकर किताबें दी और उन्हें शिक्षा प्रदान की. जिसके तहत उन्होंने बच्चियों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी दी और साथ ही उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से होने वाले बदलाव के बारे में भी बताया.

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बेटियों को सिखाए आत्मरक्षा के गुर: शिक्षिका सीमा का मानना है कि जिस स्कूल में वह बच्चों को शिक्षा दे रही हैं, वहां गांव के लोगों का बच्चों को शिक्षा देने की तरफ रुझान नहीं था. खासकर लड़कियों की शिक्षा पर इस क्षेत्र के लोग ध्यान नहीं देते थे. सीमा उनके माता-पिता से जाकर मिलीं और उन्हें शिक्षा के बारे में जागरूक किया. उनके इसी काम के चलते आज आज उन्हें सम्मानित किया जा रहा है.

घर-घर जाकर जगाई शिक्षा की अलख: 2019 से सीमा अहलावत पानीपत की यमुना तलहटी के क्षेत्र के गांव रासलापुर में पढ़ा रही हैं. उस समय स्कूल में बच्चों की संख्या करीब 100 थी लेकिन आज वह बढ़कर 168 हो गई है. उन्होंने घर-घर जाकर परिजनों को शिक्षा का महत्व समझाया और स्कूल में बच्चों की संख्या को बढ़ाया. सीमा अहलावत का मानना है कि वह भी एक बेटी की मां हैं और स्कूल में पढ़ने वाली हर बेटी भी उनकी बेटी की तरह है. इसलिए वह उन्हें हर तरीके से मजबूत बनाने के लिए तत्पर रहती हैं.

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Last Updated :Sep 5, 2023, 7:01 AM IST
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