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समुद्रयान अभियान-2024 के लिए तैयार हो जाएगा स्वदेशी सबमर्सिबल वाहन 'मत्स्य 6000'

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Published : Feb 22, 2022, 5:21 PM IST

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की 'डीप ओशन मिशन' परियोजना के तहत 'मत्स्य 6000' को एनआईओटी द्वारा विकसित किया जा रहा है. यह वाहन स्वदेश में निर्मित है और तीन मानवों को समुद्र के भीतर छह हजार मीटर की गहराई तक ले जाने में सक्षम है.

submersible vehicle
सबमर्सिबल वाहन

चेन्नई : स्वदेश में निर्मित 'मत्स्य 6000' सबमर्सिबल वाहन, 2024 में प्रस्तावित 'समुद्रयान अभियान' के लिए तैयार हो जाएगा. चेन्नई स्थित राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) के शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह वाहन स्वदेश में निर्मित है और तीन मानवों को समुद्र के भीतर छह हजार मीटर की गहराई तक ले जाने में सक्षम है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की 'डीप ओशन मिशन' परियोजना के तहत 'मत्स्य 6000' को एनआईओटी द्वारा विकसित किया जा रहा है. इसके 2.1 मीटर व्यास वाले टाइटेनियम मिश्रधातु से बने हिस्से में तीन व्यक्ति जा सकते हैं. यह वाहन एक बार में 12 घंटे तक काम कर सकता है और आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक गहरे समुद्र में रह सकता है. इसकी सहायता से समुद्र के गर्भ में एक हजार से डेढ़ हजार मीटर की गहराई में संसाधनों की खोज की जा सकती है.

आईआईटी मद्रास और एनआईओटी के तत्वावधान में आयोजित 'ओशन्स 2022' सम्मेलन के दौरान संस्थान के निदेशक जीए रामदास ने कहा कि हम समुद्रयान अभियान के लिए एक वैज्ञानिक मानव सबमर्सिबल तैयार कर रहे हैं जिसका नाम मत्स्य 6000 है. भगवान और सरकार चाहेंगे तो 2024 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा.

ये भी पढे़ं : नन्हे वैज्ञानिकों का कमाल: नींबू की रस से थर्माकोल को गलाकर बनाया स्लैब

चेन्नई : स्वदेश में निर्मित 'मत्स्य 6000' सबमर्सिबल वाहन, 2024 में प्रस्तावित 'समुद्रयान अभियान' के लिए तैयार हो जाएगा. चेन्नई स्थित राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) के शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह वाहन स्वदेश में निर्मित है और तीन मानवों को समुद्र के भीतर छह हजार मीटर की गहराई तक ले जाने में सक्षम है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की 'डीप ओशन मिशन' परियोजना के तहत 'मत्स्य 6000' को एनआईओटी द्वारा विकसित किया जा रहा है. इसके 2.1 मीटर व्यास वाले टाइटेनियम मिश्रधातु से बने हिस्से में तीन व्यक्ति जा सकते हैं. यह वाहन एक बार में 12 घंटे तक काम कर सकता है और आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक गहरे समुद्र में रह सकता है. इसकी सहायता से समुद्र के गर्भ में एक हजार से डेढ़ हजार मीटर की गहराई में संसाधनों की खोज की जा सकती है.

आईआईटी मद्रास और एनआईओटी के तत्वावधान में आयोजित 'ओशन्स 2022' सम्मेलन के दौरान संस्थान के निदेशक जीए रामदास ने कहा कि हम समुद्रयान अभियान के लिए एक वैज्ञानिक मानव सबमर्सिबल तैयार कर रहे हैं जिसका नाम मत्स्य 6000 है. भगवान और सरकार चाहेंगे तो 2024 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा.

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