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लखीमपुर हिंसा मामलाः किसानों को न्याय दिलाने खीरी पहुंचा SKM, टिकैत बोले- टेनी की बर्खास्तगी तक जारी रहेगी लड़ाई

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Published : May 5, 2022, 8:48 PM IST

लखीमपुर हिंसा मामला.
लखीमपुर हिंसा मामला.

लखीमपुर खीरी में पिछले साल तीन अक्टूबर को तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में जेल में बंद चार किसानों, पीड़ितों और घायलों को न्याय दिलाने के लिए आज संयुक्त मोर्चा के देश भर के 23 संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य लखीमपुर खीरी पहुंचे.

लखीमपुर खीरीः जिले में पहुंचे किसान मोर्चा के सदस्य और पदाधिकारियों ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन लोगों ने परिवार को सांत्वना दिया कि संयुक्त मोर्चा हर मोर्चे पर उनके साथ है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब किसानों को न्याय दिलाने के लिए वो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे. वहीं देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी का मुद्दा उठाता रहेगा. जब तक उनको 120 बी का मुलजिम नहीं बनाया जाता.

लखीमपुर हिंसा मामला.

गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के देशभर के 23 संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य लखीमपुर खीरी पहुंचे. संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन पहले से ही सजग था. जिले की फोर्स के अलावा हरदोई सीतापुर और जिले के आसपास के अन्य जिलों से भी पुलिस फोर्स खीरी में मंगाया गया था. शहर के बाहर एक मैरिज हाल में संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी राकेश, युद्धवीर सिंह, जोगिंदर सिंह उग्राहा, जगजीत सिंह डल्लेवाल, डॉक्टर अशोक धवले समेत हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से किसान नेताओं ने जेल में बंद चार किसान परिवारों और तिकुनिया हिंसा मामले में मारे गये पीड़ित परिवारों से मुलाकात की.

पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने रणनीति बनाई और जिला प्रशासन से मुलाकात को कलेक्ट्रेट रवाना हुए. भारी पुलिस सुरक्षा के बीच संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य लखीमपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और सभागार में एक मीटिंग डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और एसपी संजीव सुमन के साथ शुरु हुई.

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेता युद्धवीर सिंह ने गवाहों की सुरक्षा जेल में बंद किसानों पर से 302 हटाने पीड़ित परिवारों को शस्त्र लाइसेंस देने और सरकार के नौकरी के वायदों को जिला प्रशासन को याद दिलाया. डीएम और एसपी ने एक-एक कर अपना पक्ष रखा. डीएम महेंद्र सिंह ने किसान नेताओं को बताया किस शस्त्र लाइसेंस उनके हाथ में है. अगर पीड़ित परिवारों की ओर से शस्त्र लाइसेंस की फाइल उन तक पहुंचेगी तो वो फौरन शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत कर देंगे. नौकरी की बात पर डीएम महेंद्र सिंह ने कहा कि शासन स्तर का मामला है.

वहीं जेल में बंद चार किसानों पर से धारा 302 हटाने के मामले पर एसपी संजीव सुमन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और उसकी निगरानी में एसआईटी के गठन और उसके बाद हुई कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा कि धाराएं हटाना उनके हाथ में नहीं है. माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में पूरी जांच हो रही है. किसान नेताओं ने जेल में बंद किसानों को अलग गाड़ी से कोर्ट पेशी पर लाने का आग्रह किया. किसान परिवारों को उनसे मिलने को घंटों इंतजार न करवाने की भी अपील की गई. इस पर डीएम ने सहमति दे दी.

पंजाब से आए किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि तिकुनिया कांड में जेल में बंद चार किसानों से पुलिस को 302 धारा हटाने चाहिए. क्योंकि वो आंदोलनकारी थे. उन्होंने किसी पर हमला नहीं किया. अगर बचाव में उन्होंने कुछ किया तो भी 302 धारा का मामला उनपर नहीं बनता.

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पंजाब से ही आये किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि नौ मई को किसानों पर चार्ज फ्रेम होने हैं. हमारा पुलिस प्रशासन से आग्रह है कि किसानों से धारा 302 हटाई जाये. घायलों को मुआवजा दिलाया जाये. मारे गये पीड़ित परिवारों से जो सरकार ने नौकरी का वायदा किया था दी जाये. डल्लेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा मई में दिल्ली में मीटिंग करेगा अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो आगे की रणनीति तय की जायेगी.

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