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बेलगाम के चुनाव नतीजों पर शिवसेना ने बीजेपी को घेरा, सामना के लिखा मराठी लोगों के साथ विश्वासघात हुआ

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Published : Dec 16, 2021, 12:18 PM IST

शिवसेना ने कर्नाटक के बेलगाम निकाय चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति की हार के लिए बीजेपी की आलोचना की है. अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में बेलगाम में जीत के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी की ओर मनाए गए जश्न पर भी कड़ा तंज कसा है. साथ ही विवादित सीमाई क्षेत्र को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की है.

Belgaum election results samna bjp shiv sena
Belgaum election results samna bjp shiv sena

हैदराबाद : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कर्नाटक के बेलगाम निकाय चुनाव के नतीजों पर नाखुशी जाहिर की है. अखबार ने बेलगाम निकाय चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) की हार को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है. शिवसेना ने इस चुनाव के नतीजे पर महाराष्ट्र में बीजेपी की जश्न पर सवाल उठाते हुए इसे 'मराठी लोगों के साथ विश्वासघात' करार दिया है. बता दें कर्नाटक के बेलगाम में बड़ी संख्या में मराठी बोलने वाले रहते हैं और महाराष्ट्र बेलगाम पर दावा करता है

बेलगाम का जिक्र करते हुए सामना के संपादकीय में लिखा है कि इस सीमावर्ती क्षेत्र में मराठी बंधु पिसते और दबते रहे हैं. मराठी इस देश के नागरिक हैं, फिर भी कर्नाटक की सरकार उनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव करती है और पुलिस डंडे से सिर फोड़ती है. आलेख में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के अध्यक्ष दीपक दलवी पर हमले को मराठी स्वाभिमान और महाराष्ट्र की अस्मिता पर प्रहार बताया गया है. इस हमले के लिए कन्नड़ रक्षण वेदिके नामक संगठन को जिम्मेदार बताते हुए बीजेपी की आलोचना की गई है.

Belgaum election results samna bjp shiv sena
सामना का संपादकीय

सामना में लिखा है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति के अध्यक्ष दीपक दलवी पर हमला किया और उनके मुंह पर काली स्याही फेंकी. यह मराठी स्वाभिमान व महाराष्ट्र की अस्मिता को चुनौती है. बेलगाम सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के मराठी भाषिकों में पहले जैसी एकता नहीं रही. महाराष्ट्र एकीकरण समिति सीमावर्ती मराठी बंधुओं का प्रतिनिधित्व करनेवाला संगठन है, इसीलिए समिति के अध्यक्ष पर हुए हमले को महाराष्ट्र सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.

बेलगाम निकाय चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति की हार पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि ऐसा मराठी लोगों की एकता को तोड़ने में भाजपा की सफलता के कारण हुआ है. बीजेपी ने अंत तक उम्मीदवारों को लेकर गफलत फैलाए रखी. संपादकीय में पूरे विवादित सीमाई क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की गई है. संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति के अध्यक्ष पर हमला करने और उन पर स्याही फेंकने का विरोध का कर्तव्य सिर्फ सीमावर्ती बंधुओं की नहीं है, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की है. इसी वेदना से महाराष्ट्र को अब दहाड़ लगानी होगी.

बता दें कि बेलगाम कभी पूर्ववर्ती बंबई प्रेसिडेंसी का हिस्सा था लेकिन वर्तमान में यह कर्नाटक का एक जिला है. इस जिले में मराठी भाषी नागरिकों की तादाद भी काफी है. महाराष्ट्र भी इस इलाके पर अपना दावा करता है. सोमवार को बेलगाम निकाय चुनाव के नतीजों में भाजपा को 58 सीटों वाले से 35 पर जीत मिली है. कांग्रेस ने 10, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने एक सीट पर कब्जा किया है. 12 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली हैं.

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