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केदारनाथ के कपाट खुलवाने रवाना हुए शंकराचार्य, अतीक के मर्डर को बताया बुराई का अंत, लैंड जिहाद पर भी बोले

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Published : Apr 24, 2023, 12:57 PM IST

Updated : Apr 24, 2023, 1:43 PM IST

doors of Kedarnath Dham
केदारनाथ यात्रा

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आज केदारनाथ धाम के कपाट खुलवाने के लिए हरिद्वार से निकले हैं. इस मौके पर उन्होंने अनेक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. शंकराचार्य ने लैंड जिहाद, जनसंख्या नियंत्रण और अतीक के मामले पर क्या कहा, इस खबर में पढ़िए.

केदारनाथ के कपाट खुलवाने रवाना हुए शंकराचार्य

हरिद्वार: बाबा केदारनाथ धाम और बाबा बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की उपस्थिति अनिवार्य होती है. इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आज हरिद्वार से केदारनाथ के लिए रवाना हुए. वे सबसे पहले बाबा केदारनाथ के कपाट खुलवाएंगे. उसके बाद बाबा बदरीनाथ के कपाट खुलवाने बदरीनाथ जाएंगे.

केदारनाथ रवाना हुए शंकराचार्य: हरिद्वार से केदारनाथ जाते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की. साथ ही उत्तराखंड सरकार के लैंड जिहाद पर बोलते हुए कहा कि सरकारी जमीनों पर किसी प्रकार का या किसी भी धर्म का अधिकार नहीं होना चाहिए. उत्तराखंड में गैर हिंदुओं की बढ़ती जनसंख्या चिंताजनक है. इसके अलावा शंकराचार्य ने देश की बढ़ती जनसंख्या पर बोलते हुए कहा कि सरकारों को अपने संसाधन बढ़ाने चाहिए. इसके अलावा सरकार केवल हिंदुओं को जनसंख्या पर नियंत्रण की सलाह दे रही है, जबकि ग़ैर हिन्दू यह सलाह नहीं मान रहे हैं. इन सभी धार्मिक बिंदुओं के अलावा शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश में हुए अतीक अहमद के हत्याकांड पर कहा कि यह सही है कि एक आतंक का पर्याय बने अपराधी का अंत हुआ है. लेकिन पुलिस अभिरक्षा में हुई घटना चिंताजनक है. सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.

जोशीमठ पर जताई चिंता: जोशीमठ में आई आपदा पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कहा कि अब तक कोई भी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है जो की चिंता का विषय है. सरकार द्वारा अब तक यह साफ नहीं किया गया कि जोशीमठ में आखिर दरारें आई क्यों. आगे बरसात आज भी आने वाली है. ऐसे में जोशीमठ को लेकर एक चिंता मन में बनी हुई है. सरकार द्वारा भी कुछ लोगों को मुआवजा दिया गया, लेकिन स्थाई कोई भी कार्य नहीं किया गया है.

सरकारी जमीन पर नहीं है मंदिर मस्जिद बनाने का अधिकार: वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लिए गए लैंड जिहाद के फैसले पर बोलते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सरकार धर्मनिरपेक्ष होती हैं. इसलिए सरकारी किसी भी जमीन पर मंदिर हो या मस्जिद बनाने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर किसी भी सरकारी जमीन पर मजार बनी हुई है तो उन्हें हटना ही चाहिए.

उत्तराखंड में बढ़ रही गैर हिंदुओं की संख्या की ओर ध्यान दे सरकार: इसी के साथ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तराखंड में बढ़ रही गैर हिंदुओं की संख्या पर की ओर ध्यान देना चाहिए. हालांकि अभी कोई आंकड़े तो सामने नहीं आए हैं, लेकिन जिस हिसाब से इनकी संख्या बढ़ रही है, आने वाले समय में यह उत्तराखंड के लिए चिंताजनक है. अगर ऐसा रहा तो देव भूमि उत्तराखंड देवभूमि नहीं रहेगा.

निष्पक्ष जनसंख्या नियंत्रण कराए सरकार: वहीं जनसंख्या पर बोलते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आज एक ओर सरकार जनसंख्या नियंत्रण की बात कर रही है, लेकिन इसमें भी सरकार पक्षपात कर रही है. जिन लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करना चाहिए और उन पर नियंत्रण करना चाहिए उस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही. बल्कि हिंदुओं को सरकार जनसंख्या नियंत्रण करने की सलाह दे रही है. मुस्लिम बिल्कुल भी जनसंख्या नियंत्रण को नहीं मान रहे हैं. जबकि भारत देश लोकतांत्रिक देश है. ऐसे में संख्या का बहुत अधिक महत्व बढ़ जाता है. जिसकी संख्या ज्यादा होती है, उस ओर विकास ज्यादा होता है. हिंदुओं पर तो शासन करके सरकार जनसंख्या नियंत्रण की बात कर रही है, लेकिन मुस्लिम लगातार अपनी जनसंख्या बढ़ाते जा रहे हैं.
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अत्याचारी का होना चाहिए अंत: वहीं अतीक अहमद पर बोलते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अत्याचारी का अंत होना चाहिए लेकिन जिस तरह से उत्तर प्रदेश में बार-बार अतीक अहमद के कहने पर कि मेरी हत्या हो जाएगी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भरोसा दिलाया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट कोई भी संज्ञान नहीं ले रहा है. अगर इस तरह की कार्यशैली लोग अपनाने लगे और खुद ही इंसाफ करने लगे तो न्यायपालिका से सभी का भरोसा उठ जाएगा. जिसके बाद अराजकता फैल जाएगी. इसलिए न्यायपालिका को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से करना चाहिए.

Last Updated :Apr 24, 2023, 1:43 PM IST
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