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सुरक्षा बलों ने बड़ी नक्सली साजिश को किया नाकाम

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Published : Dec 21, 2021, 8:40 PM IST

Balrampur
Balrampur

बलरामपुर में सुरक्षाबलों ने 7 आईईडी बरामद (Seven Ied recovered in Balrampur) किए हैं. सभी आईईडी का कनेक्शन नक्सलियों ने एक साथ किया था. जिससे सुरक्षा बलों को काफी नुकसान पहुंच सके. समय रहते सीआरपीएफ की टीम ने सभी सातों आईईडी बरामद कर लिए और उसे डिफ्यूज कर दिया गया. मौके पर अभी सर्चिंग जारी है.

बलरामपुर : जिले में सुरक्षा बलों ने (Big Naxalite conspiracy failed in Balrampur) बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया है. सामरी थाना के चुनचुना और पुनदाग इलाके से पुलिस ने 7 आईईडी बरामद (Seven IED recovered in Balrampur) किए हैं. नक्सलियों ने (IED improvised explosive device) बंदरचुआ मार्ग पर यह आईईडी लगाया था.(IED improvised explosive device) किया है. मौके पर सुरक्षाबलों की टीम सर्चिंग में जुटी है. बलरामपुर का चुनचुना पुनदाग (Naxals affected area Chunchuna pundag) इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र है.

भुताही मोड़ रोड पर प्लांट किए गए थे सातों IED

सीआरपीएफ टीम (Central reserve police force team recovered Seven IED) को सूचना मिली की भुताही मोड़ रोड में एक किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों की तरफ से आईईडी प्लांट किए गए हैं. इस सचूना पर सीआरपीएफ की टीम मौके पर गई. सर्चिंग करने पर पहले तीन आईईडी मिली फिर उसके बाद उस इलाके में और सर्चिंग की गई तो 4 आईईडी और मिली.

सुरक्षा बलों ने बड़ी नक्सली साजिश को किया नाकाम

इलेक्ट्रिक वायर से मिला आईईडी का सुराग

IED को सड़क के नीचे दबाकर रखा गया था जिसका तार सड़क पर दिख रहा था. जवान तार के सहारे आईईडी को बरामद करने में सफल हुए. नक्सलियों ने आईईडी को इस तरीके से प्लांट किया था. जिससे सभी सातों आईईडी एक साथ फट सके. अगर यह धमाका हो जाता तो सुरक्षाबलों को काफी नुकसान पहुंच सकता था. इस अभियान को सफलता पूर्वक सीआरपीएफ 62वीं बटालियन (CRPF 62nd Battalion) की टीम ने अंजाम दिया और सभी आईईडी को बरामद किया. सातों आईईडी को बरामद करने के बाद सीआरपीएफ के बम निरोधक (Bomb disposal squad of CRPF) दस्ते ने आईईडी को डिफ्यूज किया.

नक्सलियों का गढ़ बलरामपुर का बूढ़ापहाड़ इलाका

बलरामपुर का बूढ़ापहाड़ इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. यह क्षेत्र झारखंड की सीमा से सटा हुआ है. इसलिए नक्सली छत्तीसगढ़ और झारखंड दोनों राज्यों के इलाकों में मूवमेंट करते हैं. झारखंड में नक्सली वारदात करने के बाद नक्सली छत्तीसगढ़ में छिप जाते हैं. फिर छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के बाद वह झारखंड की सीमा में पहुंच जाते हैं. इस तरह सुरक्षाबलों की आंखों में धूल झोंकने का काम भी नक्सली करते हैं. गृह मंत्रालय ने भी हाल में रिपोर्ट दिया था. जिसमें बूढ़ा पहाड़ में बड़ी संख्या में नक्सली गतिविधि की बात कही गई थी.

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