ETV Bharat / bharat

Supreme Court News : नवजात की हत्या की आरोपी महिला को उसकी निजता के उल्लंघन के कारण SC ने बरी किया

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 21, 2023, 4:49 PM IST

नवजात की हत्या की आरोपी महिला को हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट द्वारा उसकी निजता के उल्लंघन के कारण सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरी कर दिया. पढ़िए पूरी खबर... Supreme court on right to privac, SC acquits a woman charged killing her newborn

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने नवजात शिशु की हत्या के आरोपी एक महिला को बरी कर दिया. हालांकि कोर्ट ने कहा कि यद्यपि कानून के अनुसार किसी आपराधिक मामले में फैसले के लिए आवश्यक पहलुओं का खुलासा करना आवश्यक है, लेकिन इस तरह का कर्तव्य निजता के मौलिक अधिकार पर अनुचित रूप से कदम नहीं उठाया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि एक महिला पर बिना किसी उचित सबूत के एक बच्चे की हत्या करने का दोष थोपना, सिर्फ इसलिए कि वह गांव में अकेली रह रही थी, सांस्कृतिक रूढ़ियों और लैंगिक पहचान को मजबूत करता है जिसके खिलाफ इस अदालत ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है. शीर्ष अदालत अप्रैल 2010 में पारित छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक महिला द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी.

मामले में जुलाई 2005 में निचली अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था. न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने इस मामले में विचार किया कि निजता का अधिकार किस हद तक अपराध करने की आरोपी महिला के निजी जीवन से संबंधित मामलों की रक्षा करता है और खासकर जब अभियोजन आरोपमुक्त करने में विफल रहा हो. इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत बयान देते समय दोषी परिस्थितियों की व्याख्या करने के अभियुक्त के क्या अधिकार और कर्तव्य हैं?

कोर्ट ने मौलिक मानवधिकार के रूप में निजता के महत्ता पर जोर दिया. कोर्ट ने अपने निर्णय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निजता का अधिकार अनुल्लंघनीय है. इसके अलावा यह मानवीय गरिमा और मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में केंद्रीय अहम भूमिका निभाता है. कोर्ट ने स्वीकार किया कि मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वायत्तता को हसिल करने के लिए गोपनीयता आवश्यक है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि महिलाओं को अपने शरीर और प्रजनन विकल्पों के बारे में स्वायत्त निर्णय लेने का अधिकार है. कोर्ट ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि विशेषकर गर्भावस्था और प्रसव जुड़े मामलों में इस अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए. निर्णय में इस बात पर बल दिया कि महिलाओं को गर्भावस्था को खत्म करने को लेकर फैसला लेने अधिकार है और उनकी पसंद को अनुचित हस्तक्षेप से भी बचाया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - SC On Delay In Judges Appointment : न्यायालय ने न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण के लिए 21 नामों के लंबित होने पर आपत्ति जताई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.