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इजरायल-हमास युद्ध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की दो टूक 'भारत आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित', इसलिए नहीं कि UNGA में वोटिंग....

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2023, 12:11 PM IST

Updated : Oct 30, 2023, 1:17 PM IST

S Jaishankar Remark on Terrorism: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भोपाल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारत के विभिन्न विदेशी मामलों के रुख के बारे में बताया और आतंकवाद पर भारत का रुख भी स्पष्ट किया. साथ ही पिछले हफ्ते इसरायल-गाजा संघर्ष विराम पर UNGA में वोटिंग से एब्सटेन करने पर कही बड़ी बात.

S Jaishankar on Terrorism
आतंकवाद पर जयशंकर का बड़ा बयान

भोपाल। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान विदेश मंत्री ने टाउन हॉल में आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर बात की और भारत का रुख भी स्पष्ट किया. जयशंकर ने कहा कि " भारत आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाता है, क्योंकि हम आतंकवाद से पीड़ित हैं.''. बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है.

आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित भारत: जयशंकर ने कहा कि "भारत ने हमेशा से ही आतंकवाद के खिलाफ बेहद सख्त रवैया अख्तियार किया है. भारत आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहा है. जब हमारा देश आतंकवाद का शिकार होता है तब इसे हम जरूरी मानते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं दूसरे देशों में हो रही होती हैं हमें इसकी कोई चिंता नहीं होती. लेकिन अगर सच में हम आतंकवाद की परवाह नहीं करेंगे तो हमारी विश्वसनीयता नहीं रहेगी, इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी बात पर कायम रहें."

  • Glad to join those who believe that ये भारत का Time है।

    Was a pleasure to speak at a Town Hall in Bhopal yesterday. Do listen in. pic.twitter.com/6qBCVW1tSB

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश की विदेश नीति पर दो टूक जवाब: जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार की विदेश नीति बहुत साफ और स्वतंत्र है. लिहाजा UN में गाजा को लेकर आए प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग से परहेज किया. दरअसल हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव जिसमें हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा नहीं की गई थी उससे खुद को अलग रखा था. इसके बाद विपक्ष समेत कई लोगों ने सरकार से सवाल किए. एस.जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर ''एक संगत रुख'' अपनाने की जरूरत है'', ''आज, देश में मोदी सरकार मजबूत शासन के जरिए भारत के हरेक नागरिक के लिए मजबूती के साथ खड़ी है. जाहिर है सरकार विदेश में भी अपने हितों के मुताबिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है.

सिर्फ घर में ही सुशासन जरूरी नहीं, विदेश में भी सही फैसले लेने की जरुरत है और भारत ऐसा ही कर रहा है.'' देश की सरकार का आतंकवाद पर एक मजबूत स्टैंड है और उसी को आगे रखा जा रहा है. भारत दशकों तक आतंकवाद का बड़ा पीड़ित देश रहा है. लिहाजा हम यह कहें कि जब आतंकवाद हम पर प्रभाव डालता है, तो हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी. यह बहुत गंभीर मसला है. जब यह किसी और देश के साथ हो तो हमारे लिए यह गंभीर मुद्दा नहीं हो, यह बात देश की सरकार कत्तई नहीं कह सकती.

भारत ने UN में जॉर्डन के प्रस्ताव पर क्यों खुद को अलग रखा: एस जयशंकर ने कहा कि, ''हमें लगातार अपना स्टैंड क्लियर रखना होगा और उस पर अमल भी करना होगा. भारत ने पिछले हफ्ते UN में जॉर्डन के लाए प्रस्ताव पर वोटिंग से खुद को अलग रखा. इस प्रस्ताव में इजरायल और गाजा में बीच मानवीय आधार पर तुरंत एक युद्ध विराम की बात कही गई थी. मगर इस पर भारत ने साफ किया कि गाजा में सेना और हमास के आतंकवादी के बीच की लड़ाई में भारत का रुख बेहद साफ है.

भारत ने कनाडा की तरफ से लाए गए संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में खुद को खड़ा रखा और इसे को-स्पांसर भी किया. कनाडा ने इसमें हमास द्वारा आतंकवादी हमलों की निंदा को जोड़ने की बात कही थी. हालांकि जॉर्डन की तरफ से जो मसौदा लाया गया था वो 120 वोटों के साथ महासभा में पास हो गया. इसके विपक्ष में महज 14 देश थे. जबकि भारत, ऑस्ट्रेलिया,स कनाड़ा समेत 45 देश ने ऐब्सटेन किया था. इन 45 देशों में आइसलैंड, भारत, पनामा, लिथुआनिया और ग्रीस भी शामिल थे.

गाजा में इसराइल और फिलिस्तीन में जारी संघर्ष पर पर UNGA के इमरजेंसी सेशन में ये प्रस्ताव लाया गया था जिसका मकसद तत्काल संघर्ष विराम लागू कराना था. मगर इसमें भारत को कहना था कि हमास के आतंकवादी हमले की भी निंदा की जानी चाहिए. UNGA ने गाजा एन्क्लेव में फंस फिलिस्तीनियों के साथ कई और देशों के नागरिकों को के लिए जीवनरक्षक मानवीय सहायता को "निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध" रुप से जारी रखने की बात कही है.

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अब तक वेस्ट एशिया में 10 हजार लोगों की मौत: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में बेहद साफ लफ्जों में कहा कि गाजा पट्टी में बिगड़ती सुरक्षा हालात से नागरिकों की मौत बड़ी चिंता की बात है. इज़राइल-हमास संघर्ष को भारत ने कम करने, हिंसा से दूर रहने का अनुरोध किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि इसराइल और गाजा के इलाके में बढ़ता संघर्ष मानवीय संकट को बढाएगा लिहाजा सभी स्टेक होल्डर्स को चाहिए कि वो ज्यादा जिम्मेदार बनें. अब तक यस संघर्ष में दोनों पक्षों के कम से कम 10 हजार के आस पास लोग मारे जा चुके हैं.

हमास ने 7 अक्टूबर को 2,500 आतंकवादियों गाजा पट्टी से इजरायल में हवा, समंदर और जमीने से प्रवेश कराया था. इजरायली हमलों में अब तक 8,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. जबकि हमास के हमले में 1,400 इसरायलियों की मौत हो गई. भोपाल में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि दुनिया भर में भारत की छवि बदली है. देश में आज एक ऐसी सरकार है जो अपने लोगों के हितों के लिए चट्टान की तरह खड़ी है.

सरकार के अभियानों की तारीफ: एस जयशंकर ने भारत सरकार द्वारा विपदा के समय विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए गए अभियानों की भी तारीफ की, जयशंकर ने कहा कि "भारत सरकार ने संघर्ष के समय कई देशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालकर उन्हें उनके घर यानि भारत पहुंचाया है, ऐसे समय में सरकार के ऐसे कदम की मैं सराहना करता हूं."

Last Updated :Oct 30, 2023, 1:17 PM IST
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