नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन से मुलाकात की. उन्होंने अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र में अपने कार्यक्रमों के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होगी.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का कहना है कि वे लगातार अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्हाेंने कहा कि भारत आने के इच्छुक लोगों की चिंता को समझना होगा. वहीं इसके दाैरान एयरपोर्ट सेवा काे बहाल रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
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Significant UN Security Council discussions today on developments in Afghanistan. Expressed the concerns of the international community. Expect to discuss these during my engagements at the UN: External Affairs Minister Dr S Jaishankar pic.twitter.com/fEQcsIvSbq
— ANI (@ANI) August 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 17, 2021
भारत के सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के तहत इस हफ्ते दो उच्च स्तरीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र में कार्यक्रमों में अफगानिस्तान में स्थिति पर चर्चा की उम्मीद है.
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Secretary of State Antony J Blinken (in file pic) spoke with Indian External Affairs Minister Dr S Jaishankar today about Afghanistan and the developing situation there: US Department of State pic.twitter.com/wwYg8lNYZg
— ANI (@ANI) August 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जयशंकर सोमवार को यहां पहुंचे जब सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में स्थिति पर एक आपात बैठक की. 10 दिनों में यह दूसरी बार है कि जब युद्धग्रस्त देश में तेजी से बिगड़ती स्थिति पर चर्चा करने के लिए भारत की अध्यक्षता के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई.
जयशंकर ने ट्वीट किया, अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज महत्वपूर्ण चर्चा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को जताया. संयुक्त राष्ट्र में मेरे कार्यक्रमों के दौरान इन पर चर्चा की उम्मीद है.
उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान में ताजा घटनाक्रमों पर चर्चा भी की और कहा, हमने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया. हम इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि दोनों शीर्ष राजनयिकों ने अफगानिस्तान संबंधी हालात पर चर्चा की.
सिलसिलेवार किए गए ट्वीट्स में जयशंकर ने कहा कि वह काबुल में स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, भारत लौटने वाले लोगों की बेचैनी समझता हूं. हवाईअड्डे का संचालन मुख्य चुनौती है. इस संबंध में साझेदारों के साथ चर्चा की गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत काबुल में सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं के लगातार संपर्क में है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर उसके शांतिरक्षा स्मारक पर एक कार्यक्रम में भाग लेंगे.
यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं : संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा है कि अब आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं रह गया है.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और वैश्विक संस्था (संयुक्त राष्ट्र) के महासचिव से अनुरोध किया कि वे युद्ध से जर्जर देश में हिंसा और मानवाधिकारों का हनन रोकने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का फौरन उपयोग करें.
उन्होंने अनुरोध किया कि अफगानिस्तान को गृह युद्ध की स्थिति में जाने और बिना मान्यता प्राप्त राष्ट्र बनने से रोकने के लिए कदम उठाये जाए.
आपकाे बता दें कि विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के साथ अफगानिस्तान के माैजूदा हालात के बारे में बात की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने यह जानकारी दी.
बता दें कि अफगानिस्तान के काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर तालिबान के कब्जे के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. इस दौरान वे आतंकवाद पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इस दौरान न्यूयॉर्क की भी यात्रा करेंगे और 18 तथा 19 अगस्त को दो उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे.
इसने एक बयान में कहा कि 18 अगस्त को पहला कार्यक्रम 'रक्षकों की रक्षा : प्रौद्योगिकी और शांति रक्षा' पर एक खुली चर्चा होगी, जबकि 19 अगस्त को दूसरा कार्यक्रम 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरे' पर एक उच्च स्तरीय चर्चा आयाेजित की जाएगी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों विषय भारत के लिए प्राथमिक है.
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मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री 19 अगस्त को आईएसआईएल द्वारा पैदा खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की छह माह की रिपोर्ट पर एक सत्र की अध्यक्षता करेंगे. इसने कहा कि डॉ. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रमों के इतर अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.