कुल्लू (हिमाचल प्रदेश): पर्यटक पहली बार दिसंबर में विश्वविख्यात स्नो प्वाइंट रोहतांग दर्रे में सैर-सपाटा नहीं कर सकेंगे. 13,050 फीट ऊंचा रोहतांग दर्रा नवंबर के पहले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद से ही बंद कर दिया गया है. ऐसे में सैलानी छह महीने बाद यानी अगले साल मई में रोहतांग की वादियों को निहार सकेंगे.
दरअसल, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अब दर्रे से बर्फ नहीं हटाएगा. यह पहली बार हो रहा है जब रोहतांग दर्रा 31 दिसंबर से नहीं, बल्कि उस तारीख से दो माह पहले नवंबर में ही सैलानियों के लिए बंद हो गया है. इसका बड़ा कारण यह है कि अब लाहौल या उससे आगे लेह जाने वालों के लिए अटल टनल रोहतांग एक बड़ा यातायात मार्ग बन चुका है, जो सुचारू रूप से चलता रहेगा.
बीआरओ दर्रे से अब नहीं हटाएगा बर्फ
हालांकि, मनाली-लेह मार्ग को आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर को बंद कर दिया जाता है. इसके बावजूद बीआरओ रोहतांग दर्रे को 31 दिसंबर तक यातायात के लिए बहाल करता रहा है. ऐसे में हजारों पर्यटक भी रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी का दिसंबर अंत तक लुत्फ उठाते थे. लिहाजा, अब बीआरओ ने मनाली के गुलाबा से बर्फ नहीं हटाने का फैसला लिया है.
रोहतांग में अभी सात से आठ फीट बर्फ
हालांकि, मनाली पहुंच रहे सैलानी रोहतांग जाने के लिए खासे उत्सुक हैं, लेकिन गुलाबा से आगे बर्फबारी के चलते रोहतांग पास पूरी तरह से बंद है. बीआरओ के अनुसार, रोहतांग में अभी सात से आठ फीट बर्फ पड़ी है.
होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष अनूप राम ठाकुर ने कहा कि मनाली पहुंचने वाले पर्यटक रोहतांग जाने के लिए उत्सुक रहते हैं. मनाली का पर्यटन कारोबार ज्यादातर रोहतांग दर्रे की ओर जाने वाले पर्यटकों के कारण चलता है. पर्यटकों को यहां साल भर बर्फ देखने को मिलती है.
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अगले साल खुलेगाा रोहतांग दर्रा
वहीं, बीआरओ के कमांडर उमाशंकर ने कहा कि रोहतांग दर्रा अब इस साल नहीं खुलेगा. अगले साल अप्रैल में ही दर्रे से बर्फ हटाने का काम शुरू होगा. यातायात अब अटल टनल रोहतांग से होकर चल रहा है.