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CM नीतीश से दूरी, मिलेगा राज्यसभा टिकट? बोले RCP सिंह- 'फैसला मुख्य्मंत्री को लेना है'

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Published : May 25, 2022, 1:49 PM IST

Updated : May 25, 2022, 2:07 PM IST

नीतीश कुमार के बेहद करीबी और JDU के पूर्व अध्यक्ष रहे RCP सिंह को लेकर सियासी चर्चा हैं. RCP सिंह मोदी सरकार में JDU कोटे से इस्पात मंत्री हैं. सूत्रों की माने तो जेडीयू RCP सिंह को राज्यसभा (RCP Singh Rajya Sabha Candidate) नहीं भेजेगी. साथ ही, कहा जा रहा है कि RCP सिंह और नीतीश कुमार के बीच मतभेद है. इन सभी सवालों पर आरसीपी सिंह ने चुप्पी तोड़ी हैं. पढ़ें पूरी खबर

RCP सिंह और नीतीश कुमार के बीच मतभेद
RCP सिंह और नीतीश कुमार के बीच मतभेद

पटना: बिहार की सियासत में जबरदस्त हलचल है. जेडीयू कोटे से आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) की राज्यसभा सीट (Rajya Sabha Elections 2022) कन्फर्म होती नहीं दिख रही है. इसके बारे में नीतीश कुमार कुछ भी बोलने को तैयार हैं. ऐसे में सियासी चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) और केन्द्रीय मंत्री आरसीपी के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. इस बीच केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार से मदभेद और राज्यसभा सीट को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी हैं. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से उनकी दूरी की बात को सिरे से खारिज कर दिया है.

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नीतीश से संबंधों पर बोले RCP : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबंधों को लेकर आरसीपी सिंह (RCP Singh statement on Nitish Kumar) ने कहा, ''आप पत्रकारों सहित सभी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं. हमारे और नीतीश बाबू में कोई दूरी नहीं है. बिना आग के भी लोग धुआं निकालते रहते हैं. मैं नीतीश बाबू के साथ 1998 से हूं तब वो केंद्र मंत्री थे तब किसकी सरकार थी? उसके बाद हम बिहार में उनके साथ रहे तब किसकी सरकार रही? तो क्या आज से हम लोग साथ में हैं? बरसों से हम साथ हैं, पहले BJP से नजदीकी नहीं दिख रही थी तो आज दिख रही है."

''मैं नीतीश कुमार की सहमति से केंद्र में मंत्री बना था. मेरे संबंध सबसे अच्छे हैं. आज शाम पटना जाऊंगा. राज्यसभा उम्मीदवारी पर फैसला मुख्य्मंत्री को लेना है. आप लोग इंच और फीट लेकर दूरी मापते हैं. मेरे, नीतीश बाबू और ललन बाबू में कोई दूरी है? ये कौन बता दिया आपको? नामांकन में अभी बहुत दिन है. 24 से 31 मई तक है. हम फोरकास्ट जानते नहीं हैं. हमारा काम है, जिस पद पर हैं उस पर काम करना. नीतीश जी से मिलेंगे या दूरी है, ये सवाल कहां से आया? बिना आग के भी लोग धुआं निकालते हैं. चर्चा लोकतंत्र में होती है. अपनी बात लोग रखते हैं. हमारे नेता का स्वभाव आप लोग जानते हैं. वे सबका सुनते रहते हैं.'' - आरसीपी सिंह, केन्द्रीय मंत्री व नेता जेडीयू

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RCP के ट्विटर से भी गायब हुई JDU : केन्द्रीय मंत्री आरसीपी ने अपने ट्विटर हैंडल के बारे में सवालों को भी टाल दिया. जिसमें जेडीयू (JDU) के साथ उनके जुड़ाव का कोई उल्लेख अब नहीं है. हालांकि, इसमें उनके राजनीतिक जीवन और उनके नौकरशाही और शैक्षणिक करियर के अन्य सभी विवरण मौजूद हैं. बता दें कि आरसीपी सिंह की सीट बिहार से राज्यसभा की उन पांच सीटों में शामिल है जहां चुनाव होने हैं. एक साल पहले नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा में लगातार दूसरा कार्यकाल चल रहा है.

.. तो RCP ने हाथ जोड़ लिया था: एक वक्त था जब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता था. आरसीपी जेडीयू के कोटे से केंद्र में इस्पात मंत्री हैं, लेकिन अगर पार्टी उन्हें राज्य सभा नहीं भेजती है तो उन्हें यह पद छोड़ना पड़ सकता है. पिछले दिनों पटना एयरपोर्ट पर जब आरसीपी से पूछा गया कि क्या पार्टी उन्हें राज्य सभा का टिकट दे रही है तो उन्होंने हाथ जोड़ लिया. ऐसे में सूत्रों की माने तो पार्टी आरसीपी को टिकट देने के मूड में नहीं है.

क्या करेंगे नीतीश कुमार ? : इससे पहले, शुक्रवार को पटना में जेडीयू की बैठक भी हुई थी, उस बैठक में आरसीपी सिंह मौजूद नहीं थे. इसके बाद आरा में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शुक्रवार की रात ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उनके पुराने सहयोगी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) लंबे समय के बाद एक साथ दिखे. शादी के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह एक ही सोफा पर बैठे नजर आए. दोनों नेताओं के बीच मंत्री अशोक चौधरी बैठे दिखे. सबकी नजरें इन दोनों नेताओं पर ही थी लेकिन दूरियां साफ दिख रही थीं. ऐसे में सियासी जानकार भी मानते है कि सूबे के मुखिया के लिए फिलहाल धर्म संकट की स्थिति है.

''वर्तमान परिस्थितियों में नीतीश कुमार धर्म संकट की स्थिति में है. आरसीपी सिंह को नहीं चाहने के बावजूद उनके लिए आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजना मजबूरी है. आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेज कर वह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ विवाद खड़ा करना नहीं चाहेंगे. अगर आरसीपी सिंह को नहीं भेजा जाता है तो ऐसी स्थिति में आरसीपी सिंह अपने समर्थकों के साथ अलग होने के फिराक में होंगे. शायद इन्हीं वजहों से नीतीश कुमार ने आपातकाल बैठक कर अपनी ताकत को आंकने की कोशिश की होगी.'' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

''ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवाद है. दोनों ओर से एक-दूसरे को औकात बताने की तैयारी है. ललन सिंह जहां अपने जिद पर अड़े हैं, वहीं आरसीपी सिंह का भविष्य दांव पर है. नीतीश कुमार के लिए चुनौती पार्टी में टूट को बचाने की है.'' - कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

इन सब के बीच, सूत्रों की माने तो कभी नीतीश के बेहद करीबी रहे आरसीपी पाला भी बदल सकते हैं. चर्चा है कि वह बीजेपी के संपर्क में हैं और बीजेपी के टिकट पर वह राज्यसभा भी जा सकते हैं. दिल्ली जाते समय उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब तो नहीं दिया था और जेडीयू ने भी अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया, लेकिन सियासी संकेत तो कुछ ऐसे ही है.

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Last Updated :May 25, 2022, 2:07 PM IST
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