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यूपी का अनोखा धार्मिक स्थल, जहां सिगरेट से होती आरती, शराब का लगता भोग

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 4:54 PM IST

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Meerut Unique Tradition : उत्तर प्रदेश के मेरठ को रावण की ससुराल कहा जाता है. यहां के कंकरखेड़ा इलाके में एक ऐसा स्थान है, जहां लोग हर दिन पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. यहां पूजा करने की परंपरा भी बिल्कुल अलग है. धूपबत्ती अगरबत्ती की जगह सिगरेट से आरती की जाती है और मूर्ति को भोग शराब का लगाया जाता है. रविवार को तो यहां मेले जैसा माहौल रहता है. आईए जानते हैं आखिर क्या है पूरा माजरा.

मेरठ के अनोखे धर्म स्थल पर संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट.

मेरठ: भारत विविधताओं का देश कहा जाता है, क्योंकि यहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं. भिन्न भिन्न धर्म के लोग यहां रहते हैं. इसके अलावा न सिर्फ यहां का पहनावा वेशभूषा भी अलग-अलग जगह बल्कि पूजा अर्चना करने का तरीका भी अलग-अलग स्थानों पर अलग देखने को मिलता है. लेकिन, उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसा स्थान है जहां पूजा करने की परंपरा का अंदाज एकदम अलग है.

ये स्थान है मेरठ के कंकरखेड़ा के कासमपुर स्थित एक समाधि. इसे धन्ना बाबा की समाधि के तौर पर पहचाना जाता है. लोग यहां हर दिन पहुंचते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. यहां पूजा करने का तरीका भी सबसे अलग है. लोग यहां पर धूपबत्ती या अगरबत्ती से धन्ना बाबा की मूर्ति की आरती नहीं उतारते, बल्कि सिगरेट से आरती करते हैं. भक्तों की मान्यता है कि इस प्रकार पूजा अर्चना करने से उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं.

Meerut Unique Tradition
धन्ना बाबा की आरती उतारते भक्त.

कौन हैं धन्ना बाबा, क्या है उनकी कहानीः ईटीवी भारत ने इस जगह का रुख किया तो देखा वहां काफी भीड़भाड़ थी. समाधि तक पहुंचने के लिए लोग अपनी बारी का इंतजार जयकारा लगाकर कर रहे थे. वहां के सेवादार राजेश भगतजी बताते हैं कि यहां धन्ना बाबा की समाधि बनी है जो प्राचीन बताई जाती है. मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यहां वन क्षेत्र हुआ करता था. उस घने जंगल में इमली के पेड़ के नीचे सिद्ध पुरुष धन्ना बाबा रहते थे और तप किया करते थे.

Meerut Unique Tradition
धन्ना बाबा की स्थापित मूर्ती.

धन्ना बाबा ने काली मां से किया था निवेदनः एक दिन इस क्षेत्र से काली मां निकल रही थीं जो काफी जानें ले चुकी थीं. जिस पर तप कर रहे सिद्धपुरुष ने उनसे ऐसा न करने का निवेदन किया था कि किसी की जान न लें. भले ही बदले में उनकी जान ले लें. जिस पर दो दिन बाद काली मां ने प्राण लेने की बात कही थी और वह चली गई थीं. उसके बाद दो दिन बाद सिद्ध पुरुष धन्ना बाबा ने मां काली का आह्वान किया और समाधि ले ली. तभी से वहां लोग पूजा करने आने लगे.

धन्ना बाबा की समाधि के पास ही मां काली की मूर्ति भी स्थापितः वह बताते हैं कि यहां धन्ना बाबा की समाधि के पास ही काली मां की भी मूर्ति स्थापित है. लोग यहां दूर दूर से आते हैं और गुड़, चने के साथ साथ सिगरेट से आरती करते हैं. सिगरेट धूप बत्ती और अगरबत्ती की तरह जलाई जाती है. इसके साथ ही लोग शराब भी यहां लाकर समाधि पर चढ़ाते हैं. यहां दिन भर पूजा करने आने वालों का तांता लगा रहता है.

Meerut Unique Tradition
धन्ना बाबा की सिगरेट से उतारी जाती है आरती.

अभिनेता संजय दत्त पर जब टाडा लगा था तब सुनील दत्त भी आए थेः राजेश बताते हैं कि यहां दूर दूर से भी लोग आकर शराब से भोग लगाते हैं. रविवार को तो पूरे दिन भक्तों की लम्बी कतारें यहां देखी जा सकती हैं. राजेश भगतजी का तो यह भी दावा है कि जब अभिनेता संजय दत्त पर टाडा लगा था और वह जेल में निरुद्ध थे, तो उनके पिता सुनील दत्त भी अपने किसी कर्मचारी के कहने पर यहां अपने बेटे की घर वापसी के लिए मत्था टेकने आए थे. जेल से छूटने के बाद संजय दत्त भी एक बार मेरठ स्थित इस जगह पर आए थे.

Meerut Unique Tradition
धन्ना बाबा को लगाया जाता शराब का भोग.

धन्ना बाबा करते मुराद पूरीः यहां पूजा करने आने वाले लोगों की मुराद अवश्य ही पूरी होती हैं. समय के साथ साथ यहां बड़े बदलाव भी हुए हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां चमत्कार होते हैं. इस स्थान की मान्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कभी यहां सिर्फ समाधि थी, आज भक्तों के प्रयासों से भव्य भवन बन चुका है. पूजा कर रहे लोगों ने बताया कि इस स्थान पर जो भी आता है, वह धूपबत्ती और शराब साथ लाते हैं और जब उनकी मुराद पूरी होती है तो वे यहां अपनी क्षमता के अनुसार दान भी करते हैं और मंदिर का कायाकल्प भी कराते हैं.

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