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अनुच्छेद 370 'चोरी-चोरी, चुपके-चुपके' नहीं हटाया गया : नकवी

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Published : Mar 28, 2022, 7:15 PM IST

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के बाद ढाई साल से अधिक समय बीत चुका है. इतना समय बीतने के बाद भी संविधान के अनुच्छेद 370 और आर्टिकल 35 ए के प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास जारी है. ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संविधान के प्रावधानों को चोरी-चुपके नहीं हटाया गया है.

mukhtar abbas naqvi
मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली : अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्य सभा में कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को 'चोरी-चोरी, चुपके-चुपके' नहीं हटाया गया था.उन्होंने कहा कि कोई चीज अचानक नहीं होती और भाजपा ने इसे 'चोरी-चोरी, चुपके-चुपके' नहीं हटाया. उन्होंने कहा, 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर नरेंद्र मोदी तक, भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व का यह संकल्प था कि हम संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाएंगे और वहां के लोगों की समस्यों को दूर करने का रास्ता प्रशस्त करेंगे.'

खानदानी सियायत और बेईमानी विरासत : मंगलवार को राज्य सभा में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना था कि अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर के लोगों की 370 से ज्यादा समस्याओं का कारण है वहीं यह अलगाववादियों और आतंकवादियों का सुरक्षा कवच भी है. उन्होंने कहा कि यह खानदानी सियायत और बेईमानी विरासत को भी मदद पहुंचा रहा था.नकवी ने उच्च सदन में जम्मू कश्मीर के बजट और उससे जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह बजट कश्मीर के समावेशी विकास और सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण का गजट है.

निवेश की संभावनाओं पर मंथन : उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने बजट पर चर्चा कम की और उन्होंने 'कश्मीर फाइल्स' फिल्म की समीक्षा ज्यादा की. उन्होंने कहा कि यह फिल्म कई परिवारों और कई पार्टियों की दबी हुयी फाइलों को खोल देती है जिससे लोगों को समस्या हो रही है.उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों का 36 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल अभी जम्मू कश्मीर के दौरे पर है. यह प्रतिनिधिमंडल वहां रियल एस्टेट, दूरसंचार, आयात-निर्यात, कृषि सहित विभिन्न व्यवासायिक क्षेत्रों पर ध्यान देगा और निवेश की संभावनाओं पर गौर करेगा. उन्होंने कहा कि यह वहां के लिए बहुत बड़ा बदलाव है.

मानवाधिकार उल्लंघन की बात से विदेश में गलत संदेश ! नकवी ने कई सदस्यों के इस दावे को खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार सिर्फ अलगाववादियों और आतंकवादियों के लिए ही नहीं है बल्कि यह कश्मीर के आम लोगों और फौज के उन लोगों के लिए भी है जो अपना खून-पसीना बहाकर वहां सुरक्षा में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर मानवाधिकार उल्लंघन की बात संसद में की जाएगी तो विदेशों में इसका गलत संदेश जाएगा. उन्होंने कहा कि अलगाववादियों और आतंकवादियों का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए.

लाल चौक पर गर्व से लहरा रहा तिरंगा : बकौल नकवी, जिस आतंकवाद को पनपने में दशकों का समय लगा, उसे एक दिन में नहीं खत्म किया जा सकता, लेकिन सुरक्षाकर्मी उनके सफाए में लगे हुए हैं.उन्होंने कहा कि मुट्टी भर अलगाववादी लोगों को खानदानी सियासत और पानदानी विरासत से संरक्षण प्राप्त था. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने इसका खात्मा किया है और अब स्थिति सुधर रही है और लाल चौक पर गर्व से तिरंगा फहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कंटक और संकट को मजबूत राष्ट्रवादी इच्छाशक्ति से ही दूर किया जा सकता है.

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केंद्रीय कानूनों के लिए 'नो इंट्री' का बोर्ड हटाया गया : उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ कश्मीर से ही नहीं बल्कि कश्मीरी लोगों से भी प्यार है और वह उनकी भलाई व खुशहाली के लिए प्रयासरत है तथा उनके प्रति संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया की शुरूआत की और पंचायती चुनाव कराए गए. उन्होंने कहा कि लोगों ने जोश व जुनून के साथ इस जनतंत्र में भाग लिया. नकवी ने कहा कि पहले संसद से जो कानून बनते थे, वे जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के करीब 170 कानून व कार्यक्रम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं थे और कश्मीर की सीमा पर उन कानूनों के लिए 'नो इंट्री' का बोर्ड लगा होता था. लेकिन अब हर कानून वहां भी लागू होते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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