ETV Bharat / bharat

Jharkhand News: राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों से मांगी माफी, जमशेदपुर के अधिवक्ता ने की थी शिकायत, कोर्ट से मिली ऑर्डर कॉपी

author img

By

Published : May 11, 2023, 1:54 PM IST

Updated : May 11, 2023, 2:12 PM IST

design image
डिजाइन इमेज

उत्तर भारतीयों के खिलाफ विवादित बयान मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने माफी मांगी है. दिल्ली उच्च न्यायालय में माफीनामा दिया है. जिसके बाद कोर्ट ने केस को समाप्त कर दिया. जमशेदपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने मामले में शिकायत की थी. कोर्ट की ऑर्डर कॉपी शिकायतकर्ता को आज मिली है.

जमशेदपुर: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों, बिहारियों समेत हिंदी भाषियों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी कर क्षेत्रवाद फैलाने, विष वमन और धमकी देने के मामले में अंततः माफी मांगनी पड़ी. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने दिल्ली उच्च न्यायालय में माफीनामा दिया. इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस जसमीत सिंह के न्यायालय ने उपरोक्त मामल में माफीनामा स्वीकृत करते हुए मुकदमा को समाप्त कर दिया.

ये भी पढ़ें:जमशेदपुर के सोनारी ग्वाला बस्ती पहुंचे मंत्री बन्ना गुप्ता, लोगों से कहा- नहीं टूटने दिया जाएगा उनका मकान

अधिवक्ता ने दर्ज करवाई थी शिकायत: मामले में जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने सोनारी थाना में दिनांक 11 मार्च 2007 को मनसे प्रमुख राज ठाकरे के विरुद्ध लिखित शिकायत की थी. मगर जिला पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं होने पर दिनांक 13 मार्च 2007 को माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर के न्यायालय में मामले में शिकायत वाद दायर किया था.

विशेष सुनवाई के लिए न्यायालय ने डीसी अवस्थी प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में मामला स्थानांतरित किया. जहां पर शिकायतकर्ता सुधीर कुमार पप्पू, गवाह ज्ञानचंद का परीक्षण और अखबारों की कतरन न्यायालय के समक्ष रखा गया. जिस पर 11 अप्रैल 2007 को माननीय न्यायालय के द्वारा मनसे प्रमुख राज ठाकरे के विरुद्ध धारा 153ए, 153बी एवं 504 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत संज्ञान लेते हुए समन जारी किया गया

विधि व्यवस्था को देखते हुए स्थानांतरित किया गया मामलाः राज ठाकरे के उपस्थित नहीं होने पर जमानती वारंट गैर जमानतीय वारंट एवं इश्तिहार जारी किया गया. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय झारखंड में कई बार याचिका दाखिल की. राहत नहीं मिलने पर दिनांक 30 सितंबर 2011 को मनसे प्रमुख राज ठाकरे के द्वारा उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरण हेतु याचिका दाखिल की गई. जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे झारखंड के न्यायालय में उपस्थित होने के लिए किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है, मगर झारखंड सरकार से विधि व्यवस्था पर मंतव्य मांग लिया जाए. तब सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से विधि व्यवस्था पर रिपोर्ट मांगी तो राज्य सरकार ने अपने मंतव्य में कहा कि अगर राज ठाकरे झारखंड आते हैं तो विधि व्यवस्था में बाधा हो सकती है. इसी रिपोर्ट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त मुकदमा को जमशेदपुर न्यायालय से तीस हजारी कोर्ट में स्थानांतरण कर दिया.

दिल्ली में हुई सुनवाईः मामला जमशेदपुर न्यायालय से स्थानांतरित कर तीस हजारी न्यायालय नई दिल्ली भेज दिया गया. तीस हजारी कोर्ट नई दिल्ली में शिकायतकर्ता सुधीर कुमार पप्पू ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. जहां पर सुनवाई के पश्चात मनसे प्रमुख राज ठाकरे के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट दिनांक 16 दिसंबर 2012 को जारी करते हुए मुंबई कमिश्नर को पत्र जारी कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा गया. न्यायालय के आदेश के विरुद्ध मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने दिल्ली उच्च न्यायालय में गैर जमानतीय वारंट पर रोक लगाने एवं मुकदमा निरस्त करने के लिए धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत याचिका दाखिल की.

यहां 10 वर्षों से लंबित याचिका पर सुनवाई के समय मनसे प्रमुख राज ठाकरे के अधिवक्ता अनुपम लाल दास ने माफीनामा दिया. जिसमें कहा गयाकि मेरे भाषण से किसी भी समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचा हो तो मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं और अफसोस एवं दुख प्रकट करता हूं. तब शिकायतकर्ता के अधिवक्ता वरीय अनूप कुमार सिन्हा ने अपनी बात रखी कि अगर याचिकाकर्ता राज ठाकरे उत्तर भारतीयों, बिहारियों एवं हिंदी भाषियो पर की गई अभद्र आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर माननीय न्यायालय में माफी मांग लेते हैं तो मुकदमा समाप्त करने पर उन्हें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिया फैसलाः मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद दिनांक 13 मार्च 2023 को दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस जसमीत सिंह के न्यायालय ने उपरोक्त मुकदमा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के द्वारा दिए माफीनामा स्वीकृत कर लिया. जस्टिस जसमीत सिंह ने अपना निर्णय सुनाते हुए उपरोक्त मुकदमा को समाप्त कर दिया.

मेरी जीत नहीं उत्तर भारतीयों की जीत: दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश आने पर जमशेदपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि उत्तर भारतीयों, बिहारियों और हिंदी भाषियों के लिए यह सम्मान की जीत है. उन्होंने इस मामले को लेकर न्यायालयों, सहयोगियों, जमशेदपुरवासियों, पत्रकारों, उत्तर भारतीय और बिहारियों द्वारा दिए गए हौसले एवं समर्थन के प्रति आभार जताया. अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू को लगातार बधाइयां मिल रही हैं.

2007 में मनसे के स्थापना दिवस पर दिया था विवादित बयानः आपको बता दें कि दिनांक 9 मार्च 2007 को मुंबई के सायन षणमुखानंद सभागार में मनसे के स्थापना दिवस मनाने के वक्त सभा में राज ठाकरे ने विवादस्पद बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में मराठियों का सम्मान करो वरना थप्पड़ के लिए तैयार रहो नहीं तो कान पकड़कर खदेड़े जाएंगे.

Last Updated :May 11, 2023, 2:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.