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पंजाब चुनाव में 'यूपी-बिहार के भैया' और 'खालिस्तान' की एंट्री से आप और कांग्रेस की मुसीबत बढ़ी

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Published : Feb 17, 2022, 10:44 AM IST

punjab assembly election 2020
punjab assembly election 2020

कवि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक बताकर जहां आप को मुसीबत में डाल दिया है, वहीं सीएम चन्नी के 'यूपी-बिहार के भैया' वाले बयान से कांग्रेस की मुसीबत बढ़ रही है. इन दिनों पीएम मोदी पंजाब में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं और वह कभी भी विरोधियों पर हमला करने का मौका नहीं चूकते हैं. फिलहाल दोनों पार्टियां आरोपों से किनारा कर नुकसान से बचने की कोशिश कर रही है.

चंडीगढ़ : 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा के लिए वोटिंग होगी. चुनाव प्रचार अंतिम चरण में सीएम चन्नी और कभी आम आदमी पार्टी का नेता रहे कवि कुमार विश्वास के दो बयानों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने 'यूपी-बिहार के भैया' वाला बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया. इससे कांग्रेस की मुसीबत बढ़ गई, जो यूपी में भी विधानसभा चुनाव लड़ रही है. 'आप' के एक पूर्व नेता कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक बताकर आम आदमी पार्टी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है.

कुमार विश्वास ने सुनाई केजरीवाल की कहानी

मीडिया को दिए गए एक बयान में कुमार विश्वास ने उन दिनों को याद करते हुए अरविंद केजरीवाल के बारे में कहानी सुनाई है, जब वह आम आदमी पार्टी में उनके साथ थे. कुमार विश्वास ने कहा कि जब मैं केजरीवाल के साथ था तो वह मुझे अपनी योजनाओं के बारे में बताते थे. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मैं या तो पंजाब राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा या मैं एक स्वतंत्र राष्ट्र का पहला पीएम बनूंगा.कुमार विश्वास यहीं नहीं रुके, उन्होंने केजरीवाल पर कई तीखे हमले किए, कहा- केजरीवाल को अलगाववादियों की मदद लेने में कोई हिचक नहीं है. जहां तक पंजाब का सवाल है, यह एक राज्य नहीं है, पंजाब एक भावना है. उनके इस बयान के बाद हंगामा खड़ा हो गया. कवि कुमार विश्वास के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे मनगढंत करार दिया. बता दें 2017 के बाद से पंजाब की राजनीति में बदलाव आया है. अभी तक के सर्वे में 'आप ' अन्य दलों से आगे चल रही है.

उधर सीएम चन्नी ने प्रियंका गांधी की मौजूदगी में ग्रामीण इलाकों में सिखों को खुश करने के लिए क्षेत्रवाद का जो पैंतरा आजमाया, उसका फायदा विरोधी उठा रहे हैं. यूपी-बिहार के भैया वाले वाले बयान के लिए सीएम चन्नी और प्रियंका गांधी की आलोचना हो रही है. चन्नी के इस भाषण के दौरान प्रियंका गांधी की हंसी का असर उत्तर प्रदेश चुनाव में दिख सकता है. आप के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान ने कहा, ‘प्रियंका गांधी यूपी से हैं, ‘इस तरह तो वो भी भैया हुईं.’ इसके बाद यूपी के चुनाव में चन्नी का बयान गूंजने लगा. किरकिरी होने पर सीएम चन्नी भी बयान से पलट गए. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि प्रवासी हमारे यहां जन्म से जुड़े हैं. यह देश एक गुलदस्ता है. कोई भी कहीं भी आ-जा सकता है. मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने बोला कांग्रेस और आप पर हमला

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की बयानबाजी में चूक का फायदा बीजेपी उठा सकती है. इन दिनों बीजेपी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी पंजाब में रैली कर रहे हैं. वह अपने विरोधियों को करारा जवाब देने का कोई मौका नहीं जाने देते. बुधवार को उन्होंने पठानकोट रैली के दौरान बरनाला में राहुल गांधी के बयान पर जोरदार पलटवार किया था. राहुल के बयान 'पंजाब में आग लग जाएगी' पर पलटवार करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आती है तो पंजाब की सुरक्षा खतरे में है.

पठानकोट की रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस और आप पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'एक ने पंजाब के युवाओं को नशे के जाल में धकेल दिया है. दूसरा दिल्ली के युवाओं को शराब का आदी बना रहा है. एक ने पंजाब को लूटा तो दूसरा दिल्ली में घोटाले कर रहा है. पठानकोट हमले के बाद किए सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सेना पर शक था, इसलिए शहीदों की शहादत पर कीचड़ उछाला गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार बनी तो माफिया पंजाब छोड़ देंगे. पंजाब के युवा बाहर नहीं जाएंगे.

punjab assembly election 2020
डेरा राधास्वामी सत्संग व्यास के प्रमुख के साथ गृह मंत्री अमित शाह.

डेरे की शरण में पहुंचे अमित शाह-पीएम मोदी

चुनाव प्रचार के अंत में पंजाब के डेरे भी केंद्र में आ गए हैं. पीएम मोदी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बुधवार को डेरा राधा स्वामी ब्यास पहुंचे और राधा स्वामी सत्संग के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की. बता दें, पंजाब में राधा स्वामी डेरा का मजबूत आधार है. पंजाब के अलावा कई अन्य राज्यों में भी डेरा के अनुयायी हैं. डेरा ब्यास के अनुयायी कई सीटों पर चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं. पंजाब में चल रहे डेरों के बारे में कोई आधिकारिक डेटा नहीं है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में 9,000 सिख और 12,000 गैर-सिख डेरे हैं. इनमें से करीब 300 प्रमुख डेरे हैं, जिनका असर पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में भी दिखता है. इनमें से 12 डेरे ऐसे हैं, जिनके एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.

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