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Modi Biden Bilateral Meet : जी-20 शिखर बैठक से पहले भारत-अमेरिका का ये है द्विपक्षीय एजेंडा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 3:06 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 4:29 PM IST

जी 20 शिखर बैठक से ठीक पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय मुलाकात होगी. इस दौरान सिविल न्यूक्लियर डील से लेकर जेट इंजन की तकनीक सौंपने तक को लेकर बातचीत होगी. क्या है एजेंडा, पढ़ें पूरी खबर.

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जी 20

नई दिल्ली : जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली आ रहे हैं. वह सात सितंबर को दिल्ली पहुंचेंगे. शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी. जी-20 की बैठक शनिवार और रविवार को होनी है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन कोरोना से संक्रमित हैं, लिहाजा उनके आने की संभावना कम है. हालांकि, राष्ट्रपति जो बाइडेन की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. अमेरिकी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति बाइडेन इस दौरान कोरोना संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. वह मास्क पहने रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करेंगे. शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद वह वियतनाम के दौरे पर जाएंगे. वह 10 सितंबर को हनोई के लिए रवाना हो जाएंगे.

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाइडेन आधिकारिक विमान एयरफोर्स-वन पर सवार होकर दिल्ली आएंगे. विमान का एरिया 4000 वर्ग फीट है. यह दुनिया का सबसे सुरक्षित विमान माना जाता है. 24 घंटे इसकी मॉनिटरिंग की जाती है. रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. रूस का प्रतिनिधित्व उनके विदेश मंत्री करेंगे, जबकि चीन का प्रतिनिधित्व वहां के प्रधानमंत्री करेंगे.

मोदी-बाइडेन की बातचीत का मुद्दा क्या होगा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल 22-23 जून को अमेरिका गए थे. वहां पर उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ ड्रोन इंजन, जेट इंजन, वीजा समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी. उम्मीद है कि इन मुद्दों को आगे बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर को-ऑपरेशन पर भी प्रमुखता से बातचीत होगी. भारत में छह न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने को लेकर संभव है कि न्यूक्लियर पावर को-ऑपरेशन ऑफ इंडिया लि. और यूएस के वेस्टलिंग हाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है. प्रत्येक रिएक्टर की क्षमता 1100 मेगावाट होगी. रिएक्टर आंध्र प्रदेश में बनाया जाएगा.

  • #WATCH | When asked what on the bilateral level is going to be on the table & what could be on the agenda during President Biden's visit, EAM Dr S Jaishnkar says, "Well, we have had a very strong state visit by Prime Minister Modi to the United States. Strong in terms of the… pic.twitter.com/f4tdgRKVYA

    — NewsMobile (@NewsMobileIndia) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय में 2008 में सिविल न्यूक्लियर डील हुई थी. उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति बुश थे. हालांकि, भारत के न्यूक्लियर लाइबलिटी लॉ की वजह से इसकी प्रगति मंद हो गई. अमेरिका ने भारत के कानून को लेकर चिंता जाहिर की. तब से इस मसले का हल करने की कोशिश की जा रही है.

दोनों देशों के बीच नेक्स्ट जेनरेशन स्मॉल मोड्यूलर न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी पर भी बातचीत होगी. इससे डोमेस्टिक जरूरतों के साथ-साथ एक्सपोर्ट करने के लक्ष्यों को साधने पर विचार किया जा रहा है. जून की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. बहुत संभव है कि इस बार की बैठक में इसे ग्रीन सिग्नल मिल जाए.

जेट इंजन डील मामले पर फिर से वार्ता होगी. इसके तहत जीई एरोस्पेस भारत को 80 फीसदी तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा, ताकि एफ414 फाइटर जेट इंजन का उत्पादन संभव हो. इसकी वजह से लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट एमके111 की परफॉर्मेंस बढ़ेगी. इसे एयरफोर्स लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट एमके2 प्रोग्राम के तहत संयुक्त रूप से उत्पादित किया जाएगा. यूएस कांग्रेस ने भी इस डील पर मुहर लगा दी है. इस डील को अंतिम स्वरूप नई दिल्ली में दिया जाएगा.

भारत अमेरिका से एमक्यू 9बी एचएएलई यूएवी ड्रोन को प्राप्त करना चाहता है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इसको लेकर जेनरल एटोमिक्स कॉंप्रिहेंसिव ग्लोबल एमआरओ फैसिलिटी को विकसित करने पर बातचीत हो रही है. बेंगलुरु और अहमदाबाद में अमेरिका के दो नए कांसुलेट खुलने वाले हैं. भारत भी अमेरिका के सिएटल में नया कांसुलेट खोल रहा है. इसकी औपचारिक घोषणा इस बैठक के दौरान होगी.

साथ ही जलवायु के मुद्दे, गरीबी को कम करने और द्विपक्षीय बिजनेस को बेहतर करने के लिए वित्तीय संस्थानों की क्षमता किस तरह से मजबूत की जाए, इस पर कोई सहमति बन सकती है. मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक में सुधार पर विचार हो सकता है.

Last Updated : Sep 6, 2023, 4:29 PM IST
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