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राज्यसभा में सरकार ने कहा- तीन साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 12 लाख से अधिक मामले दर्ज

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Published : Mar 29, 2023, 6:48 PM IST

rajya sabha
राज्यसभा

राज्यसभा में सरकार ने बताया कि देश में तीन साल के दौरान महिलाओं के खिलाफ 12 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही सरकार ने बताया कि इसी समय के दौरान बच्चों के खिलाफ 4 लाख से अधिक मामले दर्ज कए गए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

नई दिल्ली : विगत तीन साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 12 लाख से अधिक मामले दर्ज किए हैं. वहीं इसी अवधि के दौरान 4 लाख 26 हजार 25 बच्चों के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज किया गया. इस बारे में बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा (Minister of State Home Affairs Ajay Kumar Mishra) ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए एआईएडीएमके सांसद डॉ.एम. थंबीदुरई के एक सवाल के जवाब में बताया कि 2019-2021 के दौरान महिलाओं के विरुद्ध 12 लाख 5 हजार 107 मामले दर्ज किए गए. बता दें कि थंबीदुरई ने पूछा था कि क्या सरकार अपराध की बढ़ती घटनाओं विशेषकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध को लेकर अवगत है.

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि महिलाओं के खिलाफ 2019 में 4,05,326 मामले, 2020 में 3,71,503 और वर्ष 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में कुल 165,321 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 2019 में 59,853, 2020 में 49,385, 2021 में 56,083 मामले शामिल हैं. इसके बाद राजस्थान में 116,823 मामले दर्ज किए गए. वहीं महाराष्ट्र में 108,624 मामले दर्ज किए गए.

इसी तरह, बच्चों के खिलाफ अपराध के तहत कुल 426,025 मामले दर्ज किए गए, 2019 में 1,48,090 मामले, 2020 में 1,28,531 और 2021 में 1,49,404 मामले दर्ज किए गए. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश ने 55,209 मामलों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया. इसमें 2019 में 19,028, 2020 में 17,008, 2021 में 19,173, इसके बाद महाराष्ट्र में 51,224, 2019 में 19,592 ऐसे मामले, 2020 में 14,371 और 2021 में 17,261 मामले दर्ज किए गए. वहीं उत्तर प्रदेश में 51,052 कुल मामलों में 2019 में 18,943, 2020 में 15,271 और 2021 में 16,838 मामलों को दर्ज किया गया. इसके अलावा इस सवाल पर कि क्या सरकार के पास डॉक्टर, वकील, आईटी पेशेवर और राजनीति, पत्रकारिता, पुलिस विभाग और मनोरंजन उद्योग के क्षेत्र में शामिल महिलाओं को रबर से भरे गैर-घातक हथियार रखने के लिए लाइसेंस प्रदान करने की कोई योजना है? इस पर गृह राज्यमंत्री ने नहीं में जवाब दिया.

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