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तमिलनाडु के सेल्विन शेखर के अंगों से केरल के छह लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 25, 2023, 3:18 PM IST

Six people from Kerala will get new life from Selwyn Shekhar's organs
सेल्विन शेखर के अंगों से केरल के छह लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

तमिलनाडु के ब्रेन डेड सेल्विन शेखर के अंगों से केरल के छह लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. इसी कड़ी में उसके दिल, किडनी व अन्य अंगों को संबंधित अस्पतालों में पहुंचाया गया. Organs brought to Kochi by helicopter, Organs of brain dead Tamil Nadu nurse airlifted, Organ transplantation Kerala

एर्नाकुलम: तमिलनाडु के एक व्यक्ति के ब्रेन डेड हो जाने के बाद उसके अंगों से छह लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. बताया जाता है कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के विलावनकोड निवासी सेल्विन शेखर (36) को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इसी कड़ी में उसके दिल को हेलीकॉप्टर से कायमकुलम के मूल निवासी हरिनारायण (16) को प्रत्यारोपित किया गया.

तिरुवनंतपुर से अंगों को आज ही कोच्चि लाया गया. इसके बाद दिल लेकर पहुंचा हेलीकॉप्टर (एयर एंबुलेंस) एर्नाकुलम के ग्रैंड हयात होटल के हेलीपैड पर उतरा. वहां से पांच मिनट के भीतर सड़क मार्ग से उसे लिसी अस्पताल ले जाया गया जहां पर दिल की सर्जरी की गई. लिसी अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री पी राजीव से संपर्क करने के बाद सरकारी हेलीकॉप्टर से दिल पहुंचाने की अनुमति दी.

मरीज हरिनारायण को डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी थी. इसी तरह हरिनारायण के भाई सूर्यनारायण का भी इसी तरह की बीमारी के कराण 2021 में लिसी अस्पताल में दिल का प्रत्यारोपण किया गया था. लिसी अस्पताल में यह 28वीं हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी है. यह सर्जरी डॉ. जोस चाको पेरियापुरम के नेतृत्व में की जा रही है. डॉ. जीवेश थॉमस के नेतृत्व में मेडिकल टीम हृदय लेने के लिए कल रात तिरुवनंतपुरम किम्स अस्पताल पहुंची थी. बताया गया है कि सेल्विन शेखर की एक किडनी किम्स अस्पताल तिरुवनंतपुरम में एक मरीज को दान की जाएगी और एक किडनी और अग्न्याशय एस्टर मेडसिटी अस्पताल कोच्चि में एक मरीज को दान की जाएगी. वहीं तिरुवनंतपुरम आई हॉस्पिटल के दो मरीजों को आंखें दी जाएंगी.

सेल्विन शेखर तमिलनाडु के एक अस्पताल में स्टाफ नर्स था, उनकी पत्नी भी स्टाफ नर्स हैं. सेल्विन शेखर ने गंभीर सिरदर्द से पीड़ित होने के बाद 21 नवंबर को कन्याकुमारी जिले के विलावनकोड के स्थानीय अस्पताल और फिर तिरुवनंतपुरम के किम्स अस्पताल में इलाज की मांग की थी. जांच करने पर पता चला कि मस्तिष्क में रक्तस्राव हो रहा है. इसी बीच 24 नवंबर को इलाज के दौरान ब्रेन डेथ हो गई. अंगदान के महत्व को जानते हुए सेल्विन की पत्नी ने स्वेच्छा से अंगदान के लिए कदम बढ़ाया. बता दें कि अंगों को हेलीकॉप्टर और फिर अस्पताल ले जाने से पहले तिरुवनंतपुरम और कोच्चि में यातायात रोक दिया गया था जिससे समय पर अंगों को पहुंचाया जा सके. अंगदान को केरल सरकार की मृतसंजीवनी योजना के माध्यम से समन्वित किया जाता है.

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