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संसद में शब्दों की नई सूची पर भड़का विपक्ष, अधीर रंजन बोले- कल कहेंगे कि संसद में आना है तो...

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Published : Jul 14, 2022, 2:10 PM IST

संसद में कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने के मामले पर गैर भाजपाई सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. सांसदों का कहना है कि यह सदन के अंदर अभिव्यक्ति को दबाने की कोशिश है.

असंसदीय शब्दों की नई सूची पर भड़के गैर भाजपाई सांसद
असंसदीय शब्दों की नई सूची पर भड़के गैर भाजपाई सांसद

नई दिल्ली : जयचंद, जुमलाजीवी, तानाशाह, दलाल, बाल बुद्धि सांसद, संवेदनहीन, खरीद फरोख्त, कटमनी, कमीना, करप्शन, तुर्रम खां, गुंडागर्दी और गुंडों की सरकार जैसे शब्दों का इस्तेमाल अब सांसद सभा में नहीं कर पाएंगे. संसद के दोनों सदनों - लोक सभा और राज्य सभा में इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल को असंसदीय माना गया है और सदन में गलत बर्ताव करार देते हुए इन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. इसका तात्पर्य यह है कि अगर कोई सांसद चर्चा या हंगामे के दौरान असंसदीय घोषित किए गए शब्दों का इस्तेमाल करता है तो उस हिस्से को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा. इस सूची में कई और शब्द जोड़े गए हैं. जिनका विपक्ष विरोध कर रहा हैं.

  • “अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या?
    सिर्फ़, वाह मोदी जी वाह !”

    यह पॉप्युलर मीम अब सच्चाई होती नज़र आ रही है! pic.twitter.com/h5nqkVxe32

    — Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवसेना से राज्यसभा की सासंद प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर इस सूची पर आपत्ति जताई है. शिवसेना से राज्यसभा सासंद प्रियंका चतुर्वेदी ने इससे संबंधित एक अखबार की खबर को संबोधित करते हुए ट्वीट किया कि “अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ़, वाह मोदी जी वाह !” यह पॉप्युलर मीम अब सच्चाई होती नजर आ रही है! संसद में कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने के मामले पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कहा कि संसद में एक किताब बनती है जिसमें लिखा होता है कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय होते हैं. उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) जो शब्द अपने संसदीय जीवन में कहे और बोले हैं वही शब्द हम बोलेंगे और उनको बताएंगे कि उनकी बहस में उन्होंने क्या कहा. वे जब खुद कहते हुए आए हैं आज उनको क्यों लग रहा है कि यह शब्द ठीक नहीं है.

पढ़ें: संसद में अब नहीं बोल सकेंगे जुमलाजीवी, बालबुद्धि सांसद, जयचंद, शकुनी जैसे शब्द

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज कहते हैं कि यह शब्द इस्तेमाल नहीं हो सकते. कल कहेंगे कि संसद में आना है तो भगवा कपड़े पहनकर आओ. इन चीजों को देखने के लिए संसद में नियम और नैतिक समितियां हैं. यह दूसरा संसद बनाकर दूसरा गणतंत्र बनाते जा रहे हैं. इस दूसरे गणतंत्र में नए संविधान को बनाने की कोशिश होगी. क्या यह नए व्याकरण की रचना कर रहे हैं? हम इन शब्दों में इस्तेमाल करते रहेंगे. मोदी जी और अमीत शाह जी 'जुमले' का मतलब जाकर पढ़ लें.

  • Baith jaiye. Baith Jaiye. Prem se boliye.

    New list of unparliamentary words for LS & RS does not include Sanghi.

    Basically govt taken all words used by opposition to describe how BJP destroying India & banned them.

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया कि आपका मतलब है कि मैं लोकसभा में खड़ी नहीं हो सकती और यह बात नहीं कर सकता कि एक अक्षम सरकार ने भारतीयों को कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपने पाखंड पर शर्म आनी चाहिए? उन्होंने एक और ट्वीट किया. जिसमें टीएमसी सांसद ने लिखा कि बैठ जाइए... बैठ जाइए... प्रेम से बोलिये. लोकसभा और राज्यसभा के लिए असंसदीय शब्दों की नई सूची में संघी शामिल नहीं है. मूल रूप से सरकार ने विपक्ष द्वारा यह वर्णन करने के लिए कि 'कैसे भाजपा भारत को नष्ट कर रही है' इस्तेमाल किये गये सभी शब्दों पर प्रतिबंध लगा रही है.

असंसदीय शब्दों की नई सूची पर भड़के विपक्षी सांसद
महुआ मोइत्रा का ट्वीट
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