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Hizb Ut Tahrir Case : NIA ने आतंकी मॉड्यूल मामले में हैदराबाद से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया

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Published : Aug 2, 2023, 6:53 AM IST

Hizb Ut Tahrir case
प्रतिकात्मक तस्वीर

हिज्ब-उत-तहरीर मामले में एनआईए की जांच जारी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि यह संगठन देश में शरिया कानून लागू करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. इसके लिए वे मुस्लिम युवाओं को आकर्षित कर उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं. एनआईए पहले ही हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. फरार चल रहे सलमान को मंगलवार को हैदराबाद के राजेंद्रनगर से गिरफ्तार कर लिया गया. पढ़ें पूरी खबर...

हैदराबाद : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को बताया कि भोपाल और हैदराबाद में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के प्रति निष्ठा वाले आतंकवादी मॉड्यूल की गैरकानूनी गतिविधियों के सिलसिले में तेलंगाना हैदराबाद से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. हैदराबाद के राजेंद्र नगर इलाके में अपने ठिकाने से फरार एचयूटी सदस्य सलमान की गिरफ्तारी के साथ, 24 मई, 2023 को एचयूटी मॉड्यूल के खिलाफ पहली बार दर्ज की गई गिरफ्तारियों की कुल संख्या अब 17 हो गई है.

एनआईए ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि उसने विभिन्न दस्तावेजों के साथ हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, एसडी कार्ड सहित आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं. इसमें कहा गया है कि विश्वसनीय इनपुट के आधार पर सलमान की गिरफ्तारी के लिए दो स्थानों पर तलाशी ली गई.

एनआईए के मुताबिक, सलमान एचयूटी के हैदराबाद स्थित मॉड्यूल का एक सक्रिय सदस्य था, जिसका नेतृत्व पहले से ही गिरफ्तार आरोपी व्यक्ति सलीम कर रहा था. वह सलमान और हैदराबाद मॉड्यूल के चार अन्य गिरफ्तार आरोपियों के साथ शरीयत पर आधारित खिलाफत स्थापित करने के उद्देश्य से अपनी तंजीम का विस्तार करने के लिए काम कर रहा था.

जांच में पता चला कि टीम का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद सलीम एक मेडिकल कॉलेज में फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख के पद पर काम कर रहा था. पुलिस ने मोहम्मद सलीम का असली नाम सौरभ राज वैद्य बताया. भोपाल के इस शख्स ने 2010 में धर्म परिवर्तन किया था. जिसके बाद वह मोहम्मद सलीम बन गया था. बाद में इसने अपनी पत्नी का भी धर्म परिवर्तन कराया. 2018 में हैदराबाद आया और गोलकुंडा में बस गया. पुलिस के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार ओडिशा का देवी प्रसाद भी अब्दुर रहमान बन गया था.

अधिकारियों ने पाया है कि इन लोगों ने मस्जिदों और अन्य स्थानों पर युवाओं को अपनी ओर मोड़ने की योजना तैयार की है. एनआईए ने पाया कि हिज्ब-उत-तहरीर कार्यकर्ताओं ने आईएसआईएस, अल कायदा और तालिबान का उदाहरण लेते हुए देश में शरिया कानून लागू करने की साजिश रची है. इस्लामिक कट्टरपंथियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर पहले ही कई देश प्रतिबंध लगा चुके हैं.

देश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगने के बाद जांच में पता चला कि हिज्ब-उत-तहरीर ने संगठन के कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों को भड़काने की कोशिश की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर द्वारा रची गई सभी साजिशों का भंडाफोड़ करने के लिए जांच जारी है.

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विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि एनआईए की जांच से पता चला है कि एचयूटी प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को संगठन में भर्ती करके गुप्त रूप से अपना संगठन और कैडर बनाने की कोशिश कर रहा था. इसमें कहा गया है कि संगठन का लक्ष्य शरिया कानून स्थापित करने के लिए भारत में सरकार को उखाड़ फेंकना है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि एजेंसी मामले में अपनी जांच जारी रख रही है और देश को अस्थिर करने की एचयूटी की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने की उम्मीद कर रही है.

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