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सामने आया कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 'लैम्बडा', जानें कितना है खतरनाक

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Published : Jun 20, 2021, 9:49 PM IST

कोरोना वायरस
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कोरोना वायरस (Corona Virus) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के बाद अब डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इसके नये 'लैम्बडा वेरिएंट' (Lambda Variant) के बारे में सूचित किया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है कोरोना वायरस का 'लैम्बडा वेरिएंट' और इसके लक्षण.

हैदराबाद : कोरोना वायरस (Corona Virus) वैश्विक रूप से पिछले डेढ़ साल से सक्रिय है. दुनिया इस घातक वायरस की अब तक दो खतरनाक लहरों का सामना कर चुकी है. इधर, वायरस की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है. वायरस के म्यूटेशन और नए-नए स्ट्रेन (Mutation and Strain of Corona Virus) दुनिया की चिंता बढ़ा रहे हैं. हाल ही में वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant of Corona Virus) की पुष्टि हुई थी, जिसे कई मायनों में घातक बताया जा रहा है.

अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस के नए वेरिएंट 'लैम्बडा' (Lambada) के बारे में सूचित किया है. संगठन ने अपनी वीकली रिपोर्ट में वायरस के नए 'लैम्बडा वेरिएंट' (Lambda Variant) का खुलासा किया है.

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क्या है लैम्बडा वेरिएंट ?

'लैम्बडा' कोविड-19 (Covid) का नया वेरिएंट है, जिसकी विश्व के 29 देशों में पुष्टि हुई है. डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण अमेरिका में इसके संचरण के आधार पर इसे 'ग्लोबल वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है.

लक्षण

संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस के लैम्बडा वैरिएंट के लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. हालांकि, इस वेरिएंट पर अभी भी अध्ययन जारी है. इस वेरिएंट के सामान्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, खांसी-जुकाम और स्वाद का जाना है.

'29 देशों में मिला वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट'

संगठन ने रिपोर्ट में 'लैम्बडा वेरिएंट' के विश्व के 29 देशों (लेटिन अमेरिका-अर्जेंटिना और चिली में अधिक) में सक्रिय होने की सूचना दी है. गौरतलब है कि लैम्बडा वेरिएंट की सबसे पहले दक्षिण अमेरिका में पहचान हुई.

दक्षिण अमेरिका में मिला 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट'

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, 'लैम्बडा वेरिएंट' की सबसे पहले अगस्त 2020 में पेरू में पहचान हुई. अधिकारियों के अनुसार, पेरू में 80 फीसदी से ज्यादा मामलों को 'लैम्बडा वेरिएंट' से जोड़कर देखा जा रहा है. इसी के साथ, चिली में वायरस के 32 फीसदी मामलों के पीछे इसी वेरिएंट को माना जा रहा है. इक्वाडोर (9 फीसदी) और अर्जेंटिना (37 फीसदी) ने लैम्बडा वेरिएंट के बारे में सूचित किया है.

लैम्बडा वेरिएंट के कई म्यूटेशन

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लैम्बडा वेरिएंट को जी75वी, टी76आई, डीईएल247/253, एल452क्यू, एफ490एस, डी614जी और टी859एन म्यूटेशन में वर्गीकृत किया गया है.

VOI और VOC में अंतर और जोखिम

  • वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (Variant of Interest) : यह पिछले संक्रमण या टीकाकरण के खिलाफ एंटीबॉडी द्वारा कम न्यूट्रालाइजेशन, उपचार की प्रभावकारिता को कम करना, संभावित नैदानिक ​​​​प्रभाव या संचरण क्षमता और रोग की गंभीरता में अनुमानित वृद्धि का कारण बनता है. यह एक रिसेप्टर बाइंडिंग (Receptor Binding) में बदल चुका है.
  • वेरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant of concern) : यह स्पष्ट नैदानिक ​​​​सहसंबंध प्रकृति का वेरिएंट हैं, जो संचरण क्षमता में वृद्धि करता है, रोग की गंभीरता को बढ़ाता है, उपचार या टीकों की प्रभावशीलता को कम कर बीमारियों का पता लगाने और इलाज करने में विफलताओं का कारण बनता है.
  • वेरिएंट ऑफ हाई कॉन्सेक्यू (Variant of High Consequence) : इस वेरिएंट में रोकथाम के उपायों या चिकित्सा प्रति-उपायों (MCMs) ने पहले से मौजूद वेरिएंट की तुलना में प्रभावशीलता को काफी कम कर दिया है.

अमेरिका में वायरस के मौजूदा वेरिएंट बी.1.1.7 (एल्फा), बी.1.351 (बीटा), पी.1 (गामा), बी.1.427 (एप्सिलॉन), बी.1.617.2 (डेल्टा) को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

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