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नांगल रेप केस : आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित, 15 अक्टूबर को होगी चार्जशीट दाखिल

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Published : Sep 30, 2021, 5:41 PM IST

दिल्ली के नांगल राया में बच्ची से रेप मामले में पाटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित कर लिए गए है. इस मामले में 15 अक्टूबर को पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी.
delhi police
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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस पुराना नांगल राया में नौ साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में 15 अक्टूबर तक पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी. दिल्ली पुलिस ने इस बात की सूचना पटियाला हाउस को दी है. जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक आएगी, जिसके बाद पूरक चार्जशीट दाखिल की जाएगी. इसके बाद में रोहिणी कोर्ट ने फोरेंसिक लेबोरेटरी को निर्देश दिया कि वो रिपोर्ट तैयार करने में तेजी लाए.

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि आरोपी पुजारी ने बच्ची का शव जलाते समय साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पुजारी और बाकी तीनों आरोपियों ने बच्ची के माता-पिता को बीस हजार रुपये देने की कोशिश की थी ताकि, आरोपों को दबाया जा सके. आरोपियों ने बच्ची के माता-पिता की गरीबी और निरक्षरता का लाभ उठाने की कोशिश की.

पुजारी बना हैवान

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बच्ची के साथ रेप के दौरान उसकी मौत दम घुटने से हुई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जब पुजारी राधेश्याम ने बच्ची का रेप किया, उस समय दूसरा आरोपी कुलदीप सिंह उसका हाथ पकड़े हुए था. राधेश्याम ने अपना हाथ बच्ची के मुंह पर रखा हुआ था.

जिसकी वजह से वो सांस नहीं ले पाई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद राधेश्याम और कुलदीप सिंह ने बच्ची का शव राधेश्याम के कमरे से बाहर लाकर हॉल में रख दिया. पुजारी राधेश्याम ने बच्ची का शव जबरन जलाते समय फोन, बच्ची का चप्पल और कपड़े चिता पर फेंक दिया, ताकि वो जलकर नष्ट हो जाएं.

गवाहों ने आरोपियों को वारदात करते देखा

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस दौरान दो गवाहों ने राधेश्याम और कुलदीप को देखा है और पुलिस ने कहा कि सभी चारों आरोपी शवदाह गृह पहुंचकर शव को जलाना चाहते थे ताकि, रेप और हत्या के साक्ष्य मिटाए जा सकें. राधेश्याम ने मौत का समय साढ़े पांच बजे शाम का बताकर साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी.

जबकि सीसीटीवी कैमरे के अनुसार बच्ची 5 बजकर 42 मिनट पर जिंदा थी पुलिस ने कहा कि आरोपियों सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण ने श्मशान घाट से साक्ष्यों को मिटाने में मदद की थी. पुलिस ने कहा कि बच्ची की बिजली के करंट से मौत का कोई साक्ष्य नहीं मिला है.

पटियाला हाउस कोर्ट ने लिया संज्ञान

10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 29 सितंबर को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. कोर्ट ने जिन चार आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है उनमें कुलदीप सिंह, लक्ष्मी नारायण, राधेश्याम और सलीम अहमद शामिल हैं. चारों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने कहा है कि चारों आरोपियों के खिलाप पर्याप्त सबूत हैं. जांच में पता चला कि पुजारी को पोर्न मूवी देखने की लत लग गई थी. दिल्ली पुलिस ने चारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376, 506, और पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं.

पीड़िता को मां को ढाई लाख का अंतरिम मुआवजा

13 अगस्त को कोर्ट ने बच्ची की मां को ढाई लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया और सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने चारों आरोपियों की मर्दानगी की जांच की है. पुलिस हिरासत के दौरान सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए हैं. घटना के समय आरोपियों ने जो कपड़े पहन रखे थे, उन्हें जब्त कर लिया गया है. आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं. पुलिस ने इस मामले में रेप की शिकार बच्ची की मां समेत दूसरे गवाहों के बयान दर्ज किए हैं.

बता दें कि घटना एक अगस्त की शाम की है. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि बच्ची की हत्या करने से पहले, उसके साथ रेप किया गया है. पुलिस ने बच्ची की मां के बयान के आधार पर पुजारी और तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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