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18 से कम उम्र की मुस्लिम लड़कियों की शादी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब

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Published : Jul 22, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 8:16 PM IST

Nainital High court Hearing on the petition filed against marriage under the age of 18
18 साल से कम उम्र में शादी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई

मुस्लिम पर्सनल लॉ में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को शादी की अनुमति को गैर कानूनी घोषित किये जाने को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में कहा गया है कि एक तरफ सरकार पॉक्सो जैसे कानून लाती है वहीं, दूसरी तरफ 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शादी की अनुमति देना इस अधिनियम का उल्लंघन है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज मुस्लिम लॉ में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को शादी की अनुमति को गैर कानूनी घोषित किये जाने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की. जिसके बाद इस मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीड ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है.

जनहित याचिका में ये कहा गया: यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि कुछ न्यायालय 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने के बावजूद नव विवाहित जोड़े को मान्यता देते हुए उन्हें पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दे रहे हैं क्योंकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ इसकी अनुमति देता है. याचिका में कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र में शादी होने, नाबालिग युवती से शारीरिक सम्बन्ध बनाने व कम उम्र में बच्चे पैदा करने से लड़की के स्वास्थ्य व नवजात बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. पढ़ें- दुष्कर्म मामला: NSUI नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, पीड़िता को पिस्टल लेकर डराता था आरोपी

अधिनियम का उल्लंघन है 18 साल से कम में शादी: इसके अलावा एक तरफ सरकार पॉक्सो जैसे कानून लाती है वहीं, दूसरी तरफ 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शादी की अनुमति देना इस अधिनियम का उल्लंघन है. साथ ही 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी को अमान्य घोषित कर शादी के बाद भी उसके साथ होने वाले शारीरिक सम्बन्ध को दुराचार की श्रेणी में रखकर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई की जाए.

18 साल से कम उम्र में शादी रोकने की मांग: याचिका में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़कर 21 किये जाने वाले विधेयक को पास किये जाने और जब तक यह विधेयक पास नहीं होता तब तक कोर्ट से कम उम्र में किसी भी धर्म और जाति में हो रही शादियों को गैर कानूनी घोषित करने का आग्रह किया गया है. ऐसे में आज इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है.

Last Updated :Jul 22, 2022, 8:16 PM IST
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