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MP Cheetah Death: कूनो नेशनल पार्क में 1 और चीते की मौत से हड़कंप, SC में शिफ्टिंग पर PCCF-NTCA का चौंकाने वाला जवाब

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Published : Aug 2, 2023, 1:28 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 3:03 PM IST

Cause of Cheetah Deaths in Kuno Park
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक-एक कर चीतों की मौत का सिलसिला जारी है. आज 1 और चीते की मौत की सूचना है. कूनो के बाहरी क्षेत्र में चीते का शव मिला है. इसे मिलाकर अब तक 9 ने दम तोड़ दिया है. मगर हाल हीं में चीतों को लेकर एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुआ है जो बेहद चौंकाने वाला है. (How Many Cheetah Deaths In India)

श्योपुर। मध्य प्रदेश में चीतों की मौत का सिलसिला जारी है. कूनो नेशनल पार्क से एक और चीते की मौत की खबर आई है. टिबलिस नाम के चीते की मौत हुई है. इस घटना से वन विभाग में हडकंप मच गया है. कूनो के बाहरी क्षेत्र में टिबलिस का शव मिला है. इस मौत के साथ ही अब तक कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौत हो चुकी है. हालांकि इसकी जांच अभी बाकी है कि मौत का कारण क्या रहा. जिस चीते के मौत की बात सामने आ रही है करीब 2 हफ्ते से इसे पकड़ने की कोशिश की जा रही थी. हाल ही में चीतों के गले में रेडियो कॉलर की वजह से हो रहे इंफेक्शन की घटनाओं के बाद वन प्रबंधन सभी को बाड़े में शिफ्ट कर रहा था. मगर यह चीता उस समय भी पकड़ से बाहर था. हाथी पर बैठकर कूनो नेशनल पार्क की टीम इसे ट्रैंक्युलाइज करने की कोशिशों में लगातार जुटी थी.

मौतों का कारण संदेह के घेरे में : कूनो अभ्यारण्य में चीतों की मौतों से वन विभाग के अफसरों में हड़कंप है. अभी तक अभ्यारण्य में कुल 6 वयस्क और 3 शावक चीतों की मौत हो चुकी है. लेकिन ठीक ठीक जानकारी सामने नहीं आई है कि आखिरकार इतनी जल्दी-जल्दी इन चीतों की मौत क्यों हो रही है? (Cause of Cheetah Deaths in Kuno Park) यह मादा चीता टिबलिश खुले जंगल में थी और काफी दिनों से इसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी. बताया जा रहा है कि कॉलर आईडी खराब होने की वजह से सैटेलाइट लोकेशन नहीं मिल पा रहा था.

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सुप्रीम कोर्ट में शिफ्टिंग पर PCCF, NTCA का जवाब चौकाने वाला: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुछ सवाल चीतों की शिफ्टिंग को लेकर अधिकारियों से सवाल किया था. जवाब में PCCF और NTCA की तरफ से दायर हलफनामें में कहा गया है कि कूनो नेशनल पार्क से बचे हुए चीतों को कहीं और ले जानें की कोई योजना नहीं है. क्योंकि चीतों की मौत को लेकर जो अब तक मेडिकल रिपोर्ट आई है उसमें इनकी मौत की घटनाएं बहुत ज्यादा स्वाभाविक हैं. अमूमन ट्रांसलोकशन में 50% के करीब मौतें बेहद सामान्य होती हैं क्योंकि इनके फूड हैबिट से लेकर हैबिटैट में परिवर्तव आता है. शावकों के जिंदा बचने का रेट महज 10% ही होता है. किसी भी चीते की मौत शिकार या अन्य इंसानी वजहों से नहीं हुई है.

फिर आएंगे 10 नए चीते, कहां होंगे रिलोकेट पता नहीं: इसी हलफनामें में यह भी कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका से जल्द 10 और चीते लाए जाएंगे. इन चीतों को जरुर देश के अन्य हिस्सों में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि इन्हे कहां बसाया जाएगा यह अब तक साफ नहीं है.

अब तक कितने चीते भारत में मरे: अब तक भारत आए चीतों में से 6 वयस्क चीतों की मौत हुई है.जबकि 3 शावकों की मौत को मिला लें तो कुल 9 चीतों की कूनो नेशनल पार्क में मौत हो चुकी है. कूनो अभ्यारण में अभी कुल 14 चीते और एक शावक बचा हुआ है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के जवाब के बाद कई सवालों पर खुद-ब-खुल विराम लग गया है. कूनो अभ्यारण में चीतों की मौतों पर DFO प्रकाश कुमार वर्मा फिलहाल कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. कूनो अभ्यारण का कोई भी अधिकारी यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि आखिरकार इन चीतों की मौतों की क्या वजह है. वही कूनो अभ्यारण के अंदर क्या चल रहा है इसकी भी जानकारी मीडिया को नहीं बताई जा रही है.

Last Updated :Aug 2, 2023, 3:03 PM IST
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