ETV Bharat / bharat

MSP था, MSP है और MSP रहेगा... खत्म कीजिए आंदोलन: PM मोदी

author img

By

Published : Feb 8, 2021, 11:16 AM IST

Updated : Feb 8, 2021, 1:13 PM IST

किसान आंदोलन पर बोले पीएम मोदी
किसान आंदोलन पर बोले पीएम मोदी

किसान आंदोलन पर पीएम मोदी ने कहा कि हमें समस्या या समाधान में एक रास्ता चुनना होगा. पीएम मोदी ने कहा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने अपने पहले भाषण में कहा था कि सरकार गरीबों को समर्पित है. उन्होंने कहा कि हमारी दिशा बदली है, न हमने डायलूट किया है न डायवर्ट किया है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर आज पीएम मोदी ने राज्य सभा के पटल पर अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि हमें समस्या या समाधान में एक रास्ता चुनना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा, किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए.

MSP था, MSP है और MSP रहेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हमें गरीबी से मुक्त होना ही होगा. पहले के प्रयासों में और जोड़ना ही होगा. उन्होंने कहा कि आज हमें खुशी है कि इज ऑफ लिविंग के लिए मूलभूत जरूरतें पूरी की गई हैं. एक बार गरीब के मन में आत्मविश्वास भर जाए, तो वह खुद गरीबी को चुनौती देने की ताकत के साथ खड़ा हो जाएगा. वह किसी की मदद का मोहताज नहीं रहेगा, ये मेरा अनुभव कहता है.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर, भारत की मूलभूत शक्ति पर जो शक उठाते हैं, उनके लिए एक कथन उद्धृत करना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है. भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है. प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन हमें मिलता है. आज देशवासियों को भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है. भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न ही आक्रामक है. यह सत्यं, शिवम, सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है.'

उद्धरण के बाद पीएम मोदी ने बताया कि ये बातें आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कही थीं. हमने नेताजी की इन बातों को भुला दिया, जिसका परिणाम है कि हमीं हमको कोसने लगे.

इससे पहले अपने शुरुआती वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व की नजरें भारत पर हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा भारत एक प्रेरणा का मौका है. देश को आने वाले वर्षों के लिए तैयार करना और 2047 में देश को कहां तक पहुंचाना है, इस दिशा में प्रयास करना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा. ऐसी चुनौतियों के बीच इस दशक की शुरुआत में ही हमारे राष्ट्रपति ने संयुक्त सदन में जो उद्बोधन दिया. वह चुनौती से भरे विश्व में एक नई आशा जगाने वाला, नया उमंग पैदा करने वाला और नया आत्मविश्वास पैदा करने वाला रहा. उद्बोधन इस दशक के लिए मार्ग भी प्रशस्त करने वाला भी रहा. उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति का तहे दिल से आभार प्रकट करने के लिए सदन में खड़े हैं.

पढ़ें : टिकरी बॉर्डर पर एक किसान ने लगाया फंदा, दूसरे की हार्ट अटैक से मौत

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने बहुमूल्य विचार रखे. अनेक पहलुओं पर विचार रखे गए, इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए वे सभी का आभार प्रकट करते हैं.

विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा होता कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी सभी लोग मौजूद होते. लेकिन उनके अभिभाषण, आदर्शों और विचारों की ताकत ही थी, कि उनका भाषण न सुनने के बाद भी उनकी बातें लोगों तक पहुंची हैं.

Last Updated :Feb 8, 2021, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.