ETV Bharat / bharat

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, आज से शुरू होगा शाही ईदगाह का सर्वे

author img

By

Published : Jan 2, 2023, 8:41 AM IST

Updated : Jan 2, 2023, 1:43 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद (Krishna Janmabhoomi Dispute) को लेकर ईदगाह की अभिन्न रिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू हो रही है. बता दें कि शाही ईदगाह के अमीन की रिपोर्ट में सभी 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे और वहां के नक्शे का सर्वेक्षण (mathura shahi mosque survey) शामिल है.

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद (Krishna Janmabhoomi Dispute) के लेकर मथुरा के सीनियर डिवीजन जज के आदेश के बाद ईदगाह की अभिन्न रिपोर्ट की प्रक्रिया आज (2 जनवरी) से शुरू हो रही है. बता दें कि शाही ईदगाह के अमीन की रिपोर्ट में सभी 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे और वहां के नक्शे का सर्वेक्षण (mathura shahi mosque survey) शामिल है. अमीन को अपनी रिपोर्ट 20 जनवरी से पहले अदालत को सौंपनी है और आगामी 20 जनवरी को सीनियर सिविल जज डिवीजन न्यायाधीश सोनिका वर्मा इस मामले की सुनवाई करेंगी. कहा जा रहा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में आज ईदगाह पक्ष आपत्ति दाखिल कर सकता है.

सोमवार को न्यायालय में श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर प्रतिवादी शाही ईदगाह कमेटी ने जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में अपना पक्ष रखा. शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कोर्ट ने बिना प्रतिवादी के एक तरफा फैसला दिया था. प्रकरण को लेकर प्रतिवादी को कोई भी दस्तावेज और केस से संबंधित कापियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. 8 दिसंबर को कोर्ट ने विवादित स्थान पर अमीन भेजने के आदेश दिए थे.

मथुरा के कृष्ण जन्मस्थान के पास बनी शाही मस्जिद का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. आज से शाही ईदगाह का सर्वे शुरू होगा. मथुरा के सीनियर डिवीजन जज के आदेश के बाद ईदगाह की अभिन्न रिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू हो रही है. बता दें कि शाही ईदगाह के अमीन की रिपोर्ट में सभी 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे और वहां के नक्शे का सर्वेक्षण शामिल है.

रिपोर्ट 20 जनवरी तक कोर्ट को सौंपनी है: अमीन को अपनी रिपोर्ट 20 जनवरी से पहले अदालत को सौंपनी है और आगामी 20 जनवरी को सीनियर सिविल जज डिवीजन न्यायाधीश सोनिका वर्मा इस मामले की सुनवाई करेंगी. बताते चलें कि हिंदू पक्ष की अपील पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने आदेश दिया कि शाही ईदगाह का सर्वे कराया जाएगा. अदालत के इस आदेश के बाद जहां हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने सवाल खड़े किए. इस सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उन्हें आदेश की जानकारी मीडिया के जरिए मिली, इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी कर रहे हैं.

अदालत के आदेश के मुताबिक शाही ईदगाह का सर्वे 2 जनवरी से शुरू होगा. इसकी रिपोर्ट 20 जनवरी तक कोर्ट को सौंपनी होगी. सिविल कोर्ट ने इस मामले से भी जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने वादी विष्णु गुप्ता की अपील पर अमीन से भी रिपोर्ट मांगी है. ये याचिका 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने की मांग को लेकर दायर की गई थी.

हिंदू पक्ष का दावा क्या है: शाही ईदगाह की जगह को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि उस जगह स्वास्तिक का चिह्न है, मस्जिद के अंदर कई मंदिर होने के प्रतीक हैं. साथ ही मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है और शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं. हिंदू पक्ष चाहता है कि वैज्ञानिक तरीके से पुष्टि की जाए, जिसे लेकर करीब एक साल पहले याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में वीडियोग्राफी की मांग की गई. वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उसे इस मुकदमे की कोई जानकारी नहीं थीं.

कब हुआ था शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण: शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है. इस जगह को हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है. दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था.

13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व किसके पास था: 1935 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी. 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली थी. ये ट्रस्ट 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड हुआ. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते में इस 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला और ईदगाह मस्जिद का मैनेजमेंट ईदगाह कमेटी को दे दिया गया. इसके बाद लगातार ये मामला जंग का अखाड़ा बना हुआ है. जहां हिंदू पक्ष के लिए कोर्ट की ओर से बड़ी राहत आई है, लेकिन मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान: ईदगाह के सर्वे से जुड़े अदालत के आदेश के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया था. ओवैसी ने कहा था कि, बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी. अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर में सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है. इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद यह आदेश दे दिया गया जबकि मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है. जब एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता हो तो कृपया 'देने और लेने' का उपदेश न दें.

ये भी पढ़ें- सरकार और संगठन के तालमेल में कोई कमी नहीं: चौधरी भूपेंद्र सिंह

Last Updated :Jan 2, 2023, 1:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.