गुवाहाटी : असम के नगांव प्रशासन ने रविवार को एक पुलिस स्टेशन में आग लगाने में कथित रूप से शामिल पांच परिवारों के घरों को ढ़हा दिया. असम के नगांव जिले के बटाद्रवा इलाके में शनिवार को उग्र भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी. इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित कई लोगों के घायल की खबर सामने आयी थी.
डीआईजी (सेंट्रल रेंज) सत्यराज हजारिका ने कहा, 'बटादराबा थाने में कल 21 मई को आग लगाने के मामले में हमने 20 लोगों को हिरासत में लिया है. मामले में जिन चार महिलाओं का नाम आ रहा है उन्हें भी हिरासत में लिया गया है. पीएस प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. आगे की जांच जारी.
गौरतलब है कि थाने में आगजनी की घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. बटाद्रवा थाने में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के बाद यह घटना हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि सफीकुल इस्लाम को पुलिस ने शुक्रवार रात बटाद्रवा से हिरासत में लिया था. इस्लाम व्यवसाय के लिए शिवसागर जा रहे थे. बाद में पुलिस ने इस्लाम को रिहा करने के लिए 10,000 रुपये और एक बत्तख कथित तौर पर रिश्वत के रूप में मांगे.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस्लाम की पत्नी ने बत्तख तो दिए, लेकिन वह 10,000 रुपये का इंतजाम नहीं कर सकी. इस कारण पुलिस ने इस्लाम के परिवार के सामने उसे बेरहमी से पीटा. बाद में परिजन 10,000 रुपये लेकर पुलिस के पास पहुंचे. इसके बाद इस्लाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बाद में जब परिवार के लोग इस्लाम को देखने अस्पताल पहुंचे तो उन्हें उसका शव सौंप दिया गया. इस्लाम की मौत से गुस्साए परिवार के सदस्यों और अन्य ग्रामीणों ने पुलिस प्रताड़ना का विरोध करते हुए थाने का घेराव किया. बाद में हिंसक भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर आग लगा दी.
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