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मध्य प्रदेश : MBBS के छात्र पढ़ेंगे RSS का 'पाठ', नोटशीट लीक होने पर बढ़ा विवाद

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Published : Sep 5, 2021, 3:16 PM IST

मध्य प्रदेश में MBBS स्टूडेंट को RSS के संस्थापक हेडगेवार और भाजपा के दीनदयाल उपाध्याय के विचार पढ़ाने की तैयारी है. ऐसे में कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है, जिसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री सफाई देते हुए नजर आए. दरअसल, इससे संबंधित नोटशीट लीक होने के बाद विवाद और बढ़ गया.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

भोपाल : मध्य प्रदेश अपने मेडिकल पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. इसके तहत अब एमबीबीए के छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ आरएसएस के विचार भी पढ़ने होंगे. छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए देश के विचारकों और वैल्यू बेस्ड मेडिकल एजुकेशन को इसी सत्र से शामिल करने की तैयारी है. वहीं मामले में विवाद तब बढ़ गया जब इससे संबंधित नोटशीट लीक हो गए. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) की लिखी हुई नोटशीट लीक होने पर उनका कहना था कि डॉक्टरी की पढ़ाई में एथिक्स (ethics) का पाठ पढ़ाना जरूरी है.

'डॉक्टर हेडगेवार देश को समर्पित थे'

मंत्री सारंग का कहना है कि डॉक्टर्स में वेल्यूस होनी चाहिए. डॉक्टर हेडगेवार (Dr. Hedgewar) देश को समर्पित थे, जिन्होंने आजादी में अहम योगदान दिया. इसमें अरविंद चरक, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, बीआर आंबेडकर का पाठ को बढ़ाया जाएगा.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

सारंग ने कहा, जब भी महापुरुषों को महिमामंडित करने और आगे बढ़ाने की बात होती है तो कांग्रेस को तकलीफ होती है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इसमें पशु चिकित्सक डॉ. मोहन भागवत और विचारक स्व. कैलाश सारंग को भी सम्मिलित कर लीजिए, ताकि इंसानों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके.

विश्वास सारंग ने नोटशीट में कहा
मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) की इस नोटशीट में कहा गया है कि मेडिकल छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में इसे इसी सत्र से बतौर लेक्चर जोड़ा जा रहा है. इसमें छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए देश के विचारकों के सिद्धांत और वैल्यू बेस्ड मेडिकल एजुकेशन को शामिल किया जाएगा. इसके लिए जिन विचारकों को चुना गया है उनमें आयुर्वेद विषारद के रूप में विख्यात महर्षि चरक, सर्जरी के पितामह आचार्य सुश्रुत, स्वामी विवेकानंद, आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. भीमराव आंबेडकर शामिल हैं.

कांग्रेस ने उठाए सवाल
आरएसएस के संस्थापक को कोर्स में शामिल करने के बाद कांग्रेस एक बार फिर इस पर मुखर हो गई है, तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Minister Vishwas Sarang) सफाई देते हुए नजर आए. चिकित्सा शिक्षा मंत्री का तर्क है कि इसके माध्यम से छात्रों को इन महापुरुषों के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा, जबकि कांग्रेस का कहना है कि जब सरकार हर जगह इस तरह की विचारधारा लाना चाहती है तो उससे छात्रों का भविष्य कैसा होगा. यह तो समझ से परे है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि इसमें पशु चिकित्सक डॉ. मोहन भागवत व विचारक स्व.कैलाश सारंग को भी सम्मिलित कर लीजिये, ताकि इंसानों का इलाज अच्छे हो सके.

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फिलहाल, तो ये मामला ठंडा होता नजर नहीं आ रहा है. जिस तरह से कोर्स में महापुरुषों के जीवन दर्शन को पढ़ाने की बात कही जा रही है और उच्च शिक्षा विभाग भी इसकी तैयारी कर रहा है. वहीं दूसरी और चिकित्सा शिक्षा विभाग भी फर्स्ट ईयर के एमबीबीएस छात्रों के कोर्स में आरएसएस के लोगों को शामिल कर उनका पाठ भी पढ़ाने की तैयारी पूरी कर चुका है.

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