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लोक सभा में आम बजट पर चर्चा, विपक्ष ने 'कृषि विरोधी' बताया, भाजपा ने कहा- समावेशी

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Published : Feb 9, 2022, 7:34 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 8:16 PM IST

संसद के बजट सत्र (parliament budget session) के आठवें दिन लोक सभा में आम बजट पर विस्तार से चर्चा की गई. जम्मू-कश्मीर से निर्वाचित वरिष्ठ सांसद फारूक अब्दुल्ला ने चर्चा की शुरुआत में प्रदेश में रेल परियोजनाओं के संबंध में केंद्र की ओर से पैसों के आवंटन का मुद्दा उठाया. इसके बाद पश्चिम बंगाल से निर्वाचित दिलीप घोष ने भी चर्चा में भाग लिया. विपक्षी दलों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य का बजट बढ़ाने की जरूरत बताई, वहीं भाजपा सदस्यों ने बजट को समावेशी बताया.

lok sabha
लोक सभा

नई दिल्ली : लोक सभा में आम बजट (budget session lok sabha) पर सामान्य चर्चा के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए किए जाने वाले पैसों के आवंटन का मुद्दा उठाया. इसके बाद पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद दिलीप घोष ने बजट 2022 को अमृत काल में विकासोन्मुखी बजट बताते हुए अपनी बातें रखीं.

इसके बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोक सभा सीट से निर्वाचित सांसद डीएम कथिर आनंद ने बजट 2022 में किए गए आवंटन को लेकर अपनी बातें रखीं. केरल के कोझीकोड से निर्वाचित कांग्रेस सांसद एमके राघवन ने बजट में स्वास्थ्य के लिए हुए आवंटन का जिक्र किया. उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर सरकार को कठघरे में भी खड़ा किया.

तेजस्वी सूर्या
कर्नाटक से निर्वाचित भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने डायनेस्टी पॉलिटिक्स को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखे हमले किए. उन्होंने राहुल गांधी को प्रिंस ऑफ कांग्रेस बताया और कहा कि उन्होंने जो टू इंडिया की बात की है, वैसा नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद और उसके पहले के काल के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने उद्योग के मामले पर कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है.

लोक सभा में तेजस्वी सूर्या का बयान

सुप्रिया सुले का बयान
तेजस्वी सूर्या के बयान पर पलटवार करते हुए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि कई ऐसे उद्योगपति हुए हैं, जिन्होंने भाजपा की सरकार बनने के पहले भी देश में आर्थिक योगदान दिए हैं. ऐसे में भाजपा के युवा सांसद को उनके योगदान का तिरस्कार नहीं करना चाहिए.

आम बजट पर चर्चा के दौरान सुप्रिया सुले का बयान

बुधवार को लोक सभा में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को 'कृषि विरोधी' बताते हुए इसमें गरीबों और दलितों के लिए कोई योजना नहीं होने का आरोप लगाया. अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट पर लोक सभा में चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के डी एम कथिर आनंद ने कहा कि इस बजट में कोई कल्याणकारी योजना नहीं है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिलीप घोष और हिना गावित ने कहा कि यह समावेशी बजट है जो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और गति देने वाला है.

कांग्रेस के एमके आनंद राघवन ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार कॉर्पोरेट सरकार है, जबकि कांग्रेस हमेशा आम आदमी के साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिजनों के लिए बजट में किसी तरह के मुआवजे की घोषणा नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बजट को 'कृषि विरोधी' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में उत्तर भारत को काफी धन दिया गया है लेकिन दक्षिण को कुछ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी अच्छी योजना में आवंटन कम किया गया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कागजों पर तो बहुत कुछ रखा है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है.

राघवन ने कहा कि यह सरकार गरीबों, किसानों, दलितों के लिए भावनाएं नहीं रखती और उसने मनरेगा जैसी योजना में भी आवंटन कम कर दिया है. राघवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस को 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' कहते हैं, जबकि हम कांग्रेस के गौरवान्वित सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूछते हैं कि संप्रग ने इतने साल तक क्या किया. कांग्रेस सांसद ने कहा, 'हम मनरेगा लाए, आरटीआई लाए, खाद्य सुरक्षा कानून लाए, शिक्षा का अधिकार कानून लाए. ऐसी योजनाओं की एक लंबी सूची है.'

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने लोक सभा में केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार को बेरोजगारी और महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज बहुत अधिक बेरोजगारी है. यह बड़ा मुद्दा है कि पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'महंगाई बढ़ रही है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ रही है. मुझे लगता है कि जल्द ही एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर हो जाएगी. चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर बढ़ जाएंगी. इसका असर जरूरी वस्तुओं पर पड़ता है. सरकार से आग्रह है कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर को कम किया जाए ताकि गरीबी खत्म की जा सके.'

अब्दुल्ला ने कहा कि नयी परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. वरिष्ठ लोक सभा सांसद अब्दुल्ला ने कहा, 'सरकार का आभारी हूं कि तीनों कृषि कानून निरस्त किए. जब आप आगे कोई कानून बनाएं और विपक्ष कहे कि इसे प्रवर समिति को भेजिए तो सरकार को सुनना चाहिए.' उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाया जाए, अन्यथा हम दुनिया से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे.

भाजपा के दिलीप घोष ने कहा कि इस बजट में आधारभूत अवसंरचना पर विशेष ध्यान दिया गया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और वहां के राज्यपाल जगदीप के बीच चल रहे गतिरोध का उल्लेख करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में एक ही समस्या है कि राज्यपाल हटाओ. मानो राज्यपाल हट जाएंगे तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.' उन्होंने आरोप लगाया कि देश भर के अपराधियों, असामाजिक तत्वों और बांग्लादेश के आतंकवादियों ने पश्चिम बंगाल में शरण ले ली है.

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दिलीप घोष ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र सिर्फ चर्चा में है, वास्तव में नहीं है और वहां राज्यपाल को अपशब्द कहना फैशन बन गया है. भाजपा सांसद हिना गावित ने कहा कि यह समावेशी बजट है जिसमें सूक्ष्म स्तर पर अर्थव्यवस्था पर काम किया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में घोषित 'एक स्टेशन, एक उत्पाद' योजना से पूरे देश को लाभ होगा और इस अवधारणा से सरकार स्थानीय कारोबारों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है.

गावित ने कहा कि किसानों का समावेशी विकास इस सरकार की प्राथमिकता वाला विषय है. उन्होंने कहा कि बजट में घोषित किसान ड्रोनों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया क्योंकि वह भी उन महिलाओं की पीड़ा समझती है जिन्हें दूर-दूर से पानी लेकर आना पड़ता है.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 9, 2022, 8:16 PM IST
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