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Lakhimpur Kheri Violence Case: निचली अदालत का सुप्रीम कोर्ट में जवाब, सुनवाई पूरी होने में लगेंगे पांच साल

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Published : Jan 11, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Jan 11, 2023, 8:16 PM IST

Lakhimpur Kheri Violence Case
Lakhimpur Kheri Violence Case

निचली अदालत ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट भेजी है, जिसमें केस की सुनवाई में लगने वाले समय का उल्लेख किया है.

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री और लखीमपुर खीरी से भाजपा सांसद अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा आरोपी हैं. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमानत रद करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसी याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी.

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सेशन कोर्ट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मामले की सुनवाई पूरी होने में पांच साल लग सकते हैं. क्योंकि केस में 208 की गवाही होनी है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष कुमार मिश्रा आरोपी हैं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट लखीमपुर खीरी सेशन कोर्ट से पूछा था कि सुनवाई पूरी होने में कितना समय लगेगा? जिस पर निचली अदालत ने यह जवाब दिया है.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा की दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि सत्र न्यायाधीश के अनुसार सामान्य तौर पर केस की सुनवाई में पांच साल लग सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सत्र अदालत से पूछा था कि अन्य लंबित मुकदमों से समझौता किए बिना लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई पूरी करने में कितना समय लग सकता है.

अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को एसयूवी से कुचलने के मामले में आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि क्या घटना में किसानों को रौंदने वाली कार में सवार तीन लोगों की हत्या के मामले में दर्ज एक अलग मुकदमे में नामजद चार आरोपी अभी हिरासत में हैं.

सरकार के वकील प्रशांत भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें रोज सुनवाई होनी चाहिए. केस से संबंधित महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही के लिए दिन प्रतिदिन सुनवाई के आदेश दिए जा सकते हैं. आशीष मिश्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने प्रशांत भूषण की बात से इनकार किया है.

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Last Updated :Jan 11, 2023, 8:16 PM IST
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