ETV Bharat / bharat

शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट, 19 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, अब ओंकारेश्वर में देंगे दर्शन

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 15, 2023, 8:01 AM IST

Updated : Nov 15, 2023, 2:11 PM IST

kedarnath Dham
केदारनाथ धाम

Kedarnath Dham Kapat Closed, Kedarnath Yatra 2023 भैया दूज के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि-विधान के साथ बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए हैं. जिसके बाद श्रद्धालु छह माह तक बाबा केदार की ऊखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चन कर सकेंगे. क्योंकि बाबा केदार की भोग मूर्ति इसी मंदिर में शीतकाल में स्थापित की जाती है.

शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): भैया दूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई और बाबा केदार की शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी. वहीं बाबा केदार के कपाट बंद होने के समय हर-हर महादेव के जयकारों से केदारघाटी गूंज उठी. केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े हुई है. धाम में आधा फीट तक बर्फ मौजूद है, लेकिन कपाट बंद के समय मौसम साफ रहा.

Kedarnath Dham
छह माह के लिए बाबा केदार के कपाट हुए बंद

गौर हो कि चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर बढ़ चली है. इसकी शुरुआत मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ हो चुकी है. भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई. भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 8 बजे छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई.

kedarnath Dham
ओंकारेश्वर धाम के लिए रवाना हुई बाबा की डोली
पढ़ें-उत्तराखंडः गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, श्रद्धालुओं ने सुरंग में फंसे मजदूरों के सफल रेस्क्यू के लिए की प्रार्थना

जिसके बाद श्रद्धालु बाबा केदार की शीतकाल में पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में कर सकेंगे. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार छह माह के लिए समाधि में लीन हो गए हैं. मंदिर में नित्य नियम पूजा-अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया. इस दौरान बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे. वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की धर्मपत्नी कपाट बंद होने के अवसर पर धाम में मौजूद रही.

kedarnath Dham
डोली रवाना होते समय बाबा केदार के जयकारों से गूंजी केदारघाटी

साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारी, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे.कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने. इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नमः शिवाय के उद्घोष से केदारघाटी गूंज उठी.ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भगृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया. इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया. इस अवसर पर भारतीय सेना,आईटीबीपी तथा दानदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजित किया.
पढ़ें-दीपावली के लिए 15 क्विंटल फूलों से सजा केदारनाथ मंदिर, बदरीनाथ का भी किया गया श्रृंगार

19 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए: वहीं बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी. जहां श्रद्धालु छह माह तक बाबा केदार का दर्शन और पूजन कर आशीर्वाद ले सकते हैं. बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850 (उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. शीतकाल के दौरान चारों धामों में भारी बर्फबारी होती है. इसलिए चारों धाम छह महीने शीतकाल में बंद रहते हैं. हालांकि, कपाट की बंद करने को लेकर विधि-विधान और मान्यताएं भी हैं. मान्यता है कि बदरी केदार में छह महीने इंसान और छह महीने देवता पूजा करते हैं, इसलिए छह माह कपाट बंद रहते हैं. बताते चलें कि, 18 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल के लिए चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा.

Last Updated :Nov 15, 2023, 2:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.