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JEE MAIN में जसकरन ने किया टॉप, प्रज्जवल ने दूसरा और आर्यशी ने हासिल किया तीसरा मुकाम

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Published : Apr 29, 2023, 11:01 PM IST

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संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन) के परिणाम शनिवार को घोषित कर दिया गया. इसमें जसकरन सिंह ने 99.95 प्रतिशत अंक अर्जित कर पहला स्थान हासिल किया है. वहीं प्रज्जवल यादव ने 99.94 प्रतिशत और आर्यशी त्रिपाठी ने 99.91 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशः द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया.

लखनऊ : देश के प्रतिष्ठित आईआईटी और इंजीनियरिंग काॅलेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन) के परिणाम शनिवार को घोषित हुआ. इसमें राजधानी से जसकरन सिंह ने 99.95 प्रतिशत अंक अर्जित कर पहला स्थान हासिल किया है. दूसरे स्थान पर प्रज्जवल यादव 99.94 प्रतिशत और तीसरे स्थान पर आर्यशी त्रिपाठी ने 99.91 प्रतिशत प्राप्त किया है. इसी क्रम में चौथे स्थान पर ईशान कुमार ने 99.88 प्रतिशत और पांचवें स्थान पर विदेह झा ने 99.84 प्रतिशत और छठवें स्थान पर प्रियंका अरोरा ने 99.97 प्रतिशत अंक पाये है. वहीं वैभव ने 99.67 प्रतिशत, विनायक त्रिपाठी 99.67 प्रतिशत और प्रत्यूष मिश्रा ने 99.69 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. इसके अलावा दीपेश पाण्डेय ने 99.65 प्रतिशत, शाश्वत मिश्रा ने 99.63 प्रतिशत, ईशान श्रीवास्तव ने 99.61 प्रतिशत, अतुल देव ने 99.60 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं. जेईई मेंस के विशेषज्ञ एनके दुबे ने बताया कि 47 से अधिक छात्रों ने 99 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए और 112 से अधिक छात्रों ने 98 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं.

Jaskaran Singh city rank 1
Jaskaran Singh city rank 1


सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी : जसकरन सिंह


राजधानी में टॉप करने वाले जसकरन सिंह ने बताया कि जेईई में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहतन जरूरी है. इसके अलावा बीते साल के पेपर हल करना भी आवश्यक है. मॉक टेस्ट में शामिल होने के साथ ही मैंने अपने नोट्स भी खुद तैयार किए. तैयारी कर रहे छात्रों को लगातार मेहनत करनी चाहिए. मॉक टेस्ट में शामिल हों और नोट्स तैयार करें. जसकरन के पिता विवेक सिंह मैनेजर और मां गुरवीन कालरा गृहिणी हैं.

Aryashi Tripathi City Rank 2, Girls topper
Aryashi Tripathi City Rank 2, Girls topper
माता-पिता के साथ इंजीनियर बनना मेरा सपना : प्रज्जवल यादव


राजधानी में दूसरे स्थान पर आए प्रज्जवल यादव ने बताया कि मेरे पिता उर्वेश यादव सुपरवाइजर की नौकरी करते हैं. मां ममता यादव गृहिणी हैं. उनके साथ ही मेरा सपना भी इंजीनियर बनने का है.
प्रतिष्ठित संस्थान से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना मेरा सपना है. इसलिए अब पूरा ध्यान जेईई-एडवांस पर है. उसमें कितने नंबर मिलेंगे, मेरे लिए वो मायने रखेगा. मेरे पिता और मां दोनों ही मुझे इसके लिए हमेशा प्रेरित करते हैं. सफलता के लिए नियमित पढ़ाई, विषय पर पकड़ व ध्यान और मॉक टेस्ट ऐसी विधियां जिनके दम पर आसानी से सफलता मिल सकती है.

Ishaan Kumar City Rank 3
Ishaan Kumar City Rank 3
जेईई एडवांस में अच्छी रैंक लाना लक्ष्य : आर्यशी त्रिपाठी


राजधानी में तीसरे स्थान पर आयी आर्यशी त्रिपाठी ने बताया कि अब अगला लक्ष्य जेईई-एडवांस में अच्छी रैंक लानी है. मेरे पापा डॉ. आनंद त्रिपाठी टीबी अस्पताल में हैं. मां प्रीति त्रिपाठी भी डॉक्टर हैं. मुझे हमेशा से इंजीनियरिंग पसंद थी. इसलिए मैंने जेईई की परीक्षा दी. मैं रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थी. साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी करती रही. मेरा मानना है कि इंटरनेट का उपयोग यदि अच्छी वजह से की जाए तो फायदा मिलता है. मैं वाट्सएप चलाती हूं, पर फेसबुक और इंस्टाग्राम से पूरी तरह से दूर हूं. इस साल 12वीं की परीक्षा दी है.

Videh Jha City Rank 4
Videh Jha City Rank 4
आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस से करना इंजीनियरिंग : विदेह झा


राजधानी में पांचवे स्थान पर आए विदेह झा ने बताया कि मैं पढ़ाई के लिए घंटे निर्धारित नहीं करता था. इसके बजाय मैं हमेशा टॉपिक के हिसाब से लक्ष्य निर्धारित करता था. इसका फायदा यह होता था कि टाइम मैनेजेंट अच्छा हो जाता था. मेरी मम्मी कनकलता और पापा वर्णित वत्स दोनों ने पढ़ाई के लिए मेरा काफी सहयोग किया. इसलिए मेरी कोशिश है कि आईआईटी से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में सेलेक्ट होकर मैं उनके सपनों को साकार करूं.

Vaibhav
Vaibhav
एनसीईआरटी किताबों से पढ़कर मिली सफलता : ईशान कुमार


राजधानी में चौथे स्थान पर आए ईशान कुमार ने बताया कि मेरे पिता डॉ. विजय कुमार केजीएमयू में सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं. मां डॉ. विनीता सचान भी डॉक्टर हैं. मेरा मकसद गेम प्रोग्रामर बनना है. राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में हमेशा एनसीईआरटी की किताबों से ही सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए मैंने अपना पूरा फोकस एनसीईआरटी की किताबों पर किया. मॉक टेस्ट देकर ये पता किया कहां पर बार-बार गलती हो रही है. उन टॉपिक्स पर अच्छी तरह से तैयारी की. औसतन मैं रोज छह घंटे पढ़ाई करता था.

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