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Jabalpur Ashamed: ये कैसा डर! परिवार में एक के बाद एक 3 मौतें, अनजाने डर से सहमे कॉलोनी के लोग, मृतक को कंधा देने भी नहीं आए

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Published : Jun 7, 2022, 10:35 PM IST

जबलपुर के एक परिवार में लगातार 3 मौतें होने से कॉलोनी के लोग अनजाने डर से सहम गए हैं, जिसके बाद भाई की मौत पर उसे कांधा देने तक कोई सामने नहीं आया. आखिरकार दोनों बहनें ही शव को कार में रखकर श्मशान घाट पहुंची, जहां गरीब नवाज कमेटी ने हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया. (jabalpur ashamed)

colony people did not join funeral of neighbo
जबलपुर में बहनों ने किया भाई का अंतिम संस्कार

जबलपुर। पहले मां, फिर बहन और अब भाई की मौत होने से दो बहनें सदमे में आ गई, परिवार में एक के बाद एक तीन मौत से पड़ोस में रहने वाले लोग भी दीवान परिवार के साये से डरने लगे है, यही वजह है कि भाई की मौत पर कोई भी बहनों की मदद करने आगे नहीं आया. ऐसे में दोनो बहनें सुबह के अंधेरे में कार से अपने भाई के शव को लेकर ग्वारीघाट शमशान घाट पहुंची और शव के अंतिम संस्कार की तैयारी की. (jabalpur ashamed)

colony people did not join funeral of neighbo
जबलपुर में बहनों ने किया भाई का अंतिम संस्कार

इनके साये से दूर रहो: मृतक जबलपुर के विजयनगर का रहने वाला था और एलआईसी में काम करता था. कुछ दिन से वह बीमार था, जिसके बाद सोमवार की रात अचानक तबियत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद असीम की बहन एकता और नम्रता अपने भाई के शव को कार में रखकर ग्वारीघाट लेकर पहुंची. एकता ने बताया कि "कुछ दिनों के अंतराल में उनके घर तीन लोगों की मौत हो गई है, इसके चलते पड़ोस में तरह-तरह की बात की जा रही हैं, पड़ोसी कहते हैं कि इनके साये से दूर रहो."

पड़ोसियों से मदद मांगने में लगता है डर: असीम की मौत के बाद घर पर सिर्फ दो बहनें रह गई थी, पड़ोसियों से मदद मांगने में डर लग रहा था क्योंकि पड़ोसी उन्हें ताने देते थे. इसलिए दोनों बहनें सुबह अंधेरे में भाई असीम दीवान का शव लेकर ग्वारीघाट पहुंचीं, इधर कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी. ग्वारीघाट थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, जहां दोनों बहनों ने अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई.

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गरीब नवाज कमेटी ने करवाया अंतिम संस्कार: दो बहनों का सिर्फ एक भाई ही बचा था जिसकी कमाई से घर चलता था पर उसके दुनिया से जाने के बाद अब दोनों ही बहनें पूरी तरह से टूट गईं है. उनके पास इतने रुपये भी नहीं थे कि वे अपने भाई का अंतिम संस्कार कर सकें, लिहाजा ऐसे में एक बार फिर गरीब नवाज कमेटी के सदस्य आगे आए और उन्होंने असीम दीवान का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया. (jabalpur ashamed)

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