ETV Bharat / bharat

विश्व ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में देखा : राष्ट्रपति

author img

By

Published : Jan 10, 2021, 8:01 AM IST

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'वर्ष 2020 कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक संकट का वर्ष रहा है, मगर साथ ही महामारी ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में एक नई पहचान भी दी है.'

kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीते शनिवार को कोविड महामारी के बारे में कहा कि वर्ष 2020 कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक संकट का वर्ष रहा है, मगर साथ ही महामारी ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में एक नई पहचान भी दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीती शनिवार को 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही.

राष्ट्रपति ने कहा, महामारी से उत्पन्न भारी चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक प्रत्युत्तर विकसित करने में भारत सबसे आगे रहा है. हमने लगभग 150 देशों में दवाओं की आपूर्ति की, जिससे विश्व ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में देखा. उन्होंने कहा, कोविड के दो टीकों (वैक्सीन) के विकास में हमारे वैज्ञानिकों और तकनीशियनों की हाल की सफलता आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो वैश्विक कल्याण की भावना से प्रेरित है.

राष्ट्रपति ने आगे कहा, एक आत्मनिर्भर भारत के बीज कई वर्ष पूर्व महात्मा गांधी की स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की अपील द्वारा बोए गए थे. आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण के पांच प्रमुख स्तम्भ हैं अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और आपूर्ति श्रृंखला. इन सभी कारकों का सफल समेकन त्वरित प्रगति और विकास अर्जित करने में मदद करेगा.

राष्ट्रपति ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के विचार का अर्थ स्व-केंद्रित व्यवस्था की इच्छा रखना या देश को भीतर की ओर मोड़ना नहीं है. इसका अर्थ आत्मविश्वास से उत्पन्न स्व-प्रचुरता अर्जित करना है. हम वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने द्वारा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के व्यवधानों को कम करने की दिशा में योगदान देना चाहते हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान अधिक सहयोग और शांति को बढ़ावा देने के जरिए विश्व व्यवस्था को अधिक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष बनाएगा.

पढ़ें : नए दशक में भारत के तकनीकी नवाचार को दुनिया करेगी सलाम : इसरो अध्यक्ष

उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक आकांक्षाओं की प्राप्ति में हमारे प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है.

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हमारे प्रवासी विश्व के समक्ष हमारा चेहरा हैं और वैश्विक मंच पर भारत के हितों के हिमायती हैं. वे हमेशा भारत की सहायता के लिए आगे आते हैं, चाहे वह भारत के लिए चिंता के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के संबंध में पक्ष लेना हो या निवेशों और प्रेषणों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान करना हो.

राष्ट्रपति ने कहा, वर्ष 1915 में आज ही के दिन सबसे महान प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी भारत लौटे थे. उन्होंने हमारे सामाजिक सुधारों और स्वतंत्रता आंदोलन को बहुत व्यापक आधार दिया और अगले तीन दशकों के दौरान उन्होंने भारत को कई मूलभूत तरीकों से बदल दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.