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अमेरिका के नेतृत्व में RIMPAC ड्रिल, भारत भी होगा शामिल

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Published : Mar 30, 2022, 6:40 PM IST

भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान (Indian security establishment) के एक विश्वसनीय सूत्र ने दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास में भारत की भागीदारी (Indias participation in naval exercises) की पुष्टि की है. अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित RIMPAC में भारत की भागीदारी सुनिश्चित हो गई है. यह ड्रिल ऐसे समय में हो रही है, जब यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई की भारत ने स्पष्ट निंदा नहीं की है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान (Indian security establishment) के विश्वसनीय सूत्र ने दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास में भारत की भागीदारी (Indias participation in naval exercises) की पुष्टि की है. लगभग 27 देशों के समुद्री अभ्यास रिम ऑफ द पैसिफिक यानी RIMPAC में भारत हिस्सा लेगा. इसे दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री ड्रिल के रूप में देखा जा रहा है. यह अभ्यास जून-जुलाई में होने की संभावना है. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने ETV BHARAT से इसकी पुष्टि की है.

आधिकारिक सूत्र ने यह भी कहा कि 21-24 मार्च 2022 तक संयुक्त बेस पर्ल हार्बर-हिकम में आयोजित RIMPAC 2022 के लिए अमेरिकी नौसेना के तीसरे फ्लीट-होस्टेड फाइनल प्लानिंग कॉन्फ्रेंस (FPC) में भारतीय प्रतिनिधित्व मौजूद था. भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना हवाई द्वीप और सैन डिएगो में होने वाले द्विवार्षिक RIMPAC के 28वें संस्करण में भाग लेने वाले देशों के नाम सार्वजनिक करने के बारे में अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं.

भारत-चीन तनाव के बीच अभ्यास: हालांकि अमेरिकी नौसेना की विज्ञप्ति में कहा गया है कि RIMPAC 22 समान विचारधारा वाले करीब 27 साझेदार देशों का गवाह बनेगा. जिसमें 41 जहाजों, चार पनडुब्बियों, 170 से अधिक विमानों और लगभग 25000 कर्मियों के भाग लेने का अनुमान है. विशाल अभ्यास की व्यापकता का संकेत देते हुए कहा कि RIMPAC 2022 का आकार और दायरा 2020 में स्केल से बड़ा होगा. भारत की भागीदारी का मतलब यह होगा कि अप्रैल 2020 से एलएसी पर भारत-चीन तनाव के बाद यह देश की पहली RIMPAC भागीदारी होगी.

यूक्रेन-रूस युद्ध का असर: यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई ने भारत और चीन को उन देशों के एक छोटे समूह में रखा है, जिन्होंने रूस की निंदा करने से इनकार कर दिया है. यूक्रेन पर भारत की स्थिति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अस्थिर रूप में वर्णित किया है. भारत क्वाड के साथ ही ब्रिक्स का भी सदस्य है, जिसमें ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जो 40 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

चीन भी हो चुका है शामिल: हालांकि चीन भी RIMPAC के 2014 और 2016 के संस्करणों में शामिल हो चुका है. लेकिन दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधि के कारण 2018 के अभ्यास में चीन ने अपना नाम वापस ले लिया था. भारत ने आखिरी बार 2018 में अभ्यास में भाग लिया था. कोविड महामारी की वजह से 2020 में इस आयोजन को छोटा कर दिया गया था, जिसमें केवल 10 देशों ने भाग लिया था.

अब तक के अभ्यास: RIMPAC 2020 कोरोना की वजह से केवल 10 देशों के 22 जहाजों, एक पनडुब्बी और लगभग 5300 कर्मियों के साथ संपन्न हुआ था. इसका आयोजन 17 से 31 अगस्त 2020 तक हवाई द्वीप के पास किया गया था. भारत ने पहली बार 2014 में RIMPAC में भाग लिया, जब उसने INS सह्याद्री को स्वदेशी रूप से निर्मित शिवालिक क्लास स्टील्थ मल्टीरोल फ्रिगेट भेजा था. 2016 में भारत ने इस आयोजन के लिए INS सतपुड़ा को तैनात किया था जबकि 2018 में फिर से INS सह्याद्री को तैनात किया गया था. 2014 से पहले भारतीय नौसेना अभ्यास के 2006, 2010 और 2012 संस्करणों में एक पर्यवेक्षक थी.

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1971 में शुरू हुआ अभ्यास: पहली बार 1971 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा द्वारा यह वार्षिक अभ्यास शुरू हुआ. जो 1974 से द्विवार्षिक कार्यक्रम बन गया. यदि भारत भाग लेता है तो RIMPAC 22 अमेरिका के नेतृत्व वाले अभ्यास का पहला संस्करण होगा, जिसमें भारत शामिल होगा. इस बार RIMPAC 22 में इन-पोर्ट चरण, बल एकीकरण चरण और परिदृश्य-संचालित मुक्त अभ्यासों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी. जिसमें लाइव-फायर गनरी, मिसाइल ऑपरेशन, एंटी-सतह युद्ध, पानी के नीचे युद्ध, नौसेना युद्धाभ्यास और वायु रक्षा अभ्यास शामिल है.

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