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UN में भारत ने कहा, इस संघर्ष में कोई विजयी पक्ष नहीं होगा

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Published : May 7, 2022, 10:05 AM IST

pratik mathur counsellor at india's permanent to un comments on ukraine war
UN में भारत ने कहा, इस संघर्ष में कोई विजयी पक्ष नहीं होगा

यूएनएससी में यूक्रेन पर यूएनएससी की अरिया फॉर्मूला मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि भारत ने बूचा में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की और स्वतंत्र जांच का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को कम करने के सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं. हमें विश्वास है कि इस संघर्ष में कोई विजयी पक्ष नहीं होगा.

नई दिल्ली: यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर नई दिल्ली की स्थिति को दोहराया और हिंसा की तत्काल समाप्ति और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया. यूक्रेन पर यूएनएससी अररिया-फॉर्मूला बैठक में अपने संबोधन के दौरान माथुर ने कहा कि हम मानते हैं कि खून बहाकर और निर्दोष जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. हमने संघर्ष की शुरुआत से ही इस बात पर जोर दिया है कि कूटनीति का मार्ग और संवाद ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प होना चाहिए.

  • India has strongly condemned the killing of civilians in Bucha & supported the call for an independent investigation. We support all efforts to alleviate the suffering of the people of Ukraine. We believe that there'll be no winning side to this conflict: Counsellor Pratik Mathur pic.twitter.com/G5x1uX1wUf

    — ANI (@ANI) May 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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बुचा में क्रूरता के बारे में बोलते हुए और एक स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए, माथुर ने कहा कि भारत ने बुचा में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को कम करने के सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं. हमें विश्वास है कि इस संघर्ष में कोई विजयी पक्ष नहीं होगा. माथुर ने आगे कहा कि भारत महासचिव की मॉस्को और कीव यात्रा और रूसी संघ और यूक्रेन में नेतृत्व के साथ उनके जुड़ाव का स्वागत करता है. दूत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम मारियुपोल से नागरिक आबादी को निकालने में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की सराहना करते हैं.

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यहां यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने इस युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस के सैन्य आक्रमण की स्पष्ट रूप से निंदा करने से इनकार कर दिया है. जो पश्चिमी राजनयिकों की यात्राओं के पीछे भारत पर अपना रुख बदलने के लिए दबाव डालने का एक प्रमुख तत्व है. इस युद्ध को शुरू हुए 72 दिन हो चुके हैं और भारत ने शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान करते हुए अपना रुख कायम रखा है और आगे बढ़ने के लिए शांति और कूटनीति का आह्वान किया है.

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