नई दिल्ली : एक महीने से अधिक की गर्मी की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को खुलने के लिए तैयार है. इसके साथ ही पूरे दिन फिजिकल सुनवाई भी शुरू हो जाएगी. हालांकि वर्चुअल सुनवाई का भी विकल्प रहेगा.
छुट्टी के बाद कई अहम मामलों को सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया था. कोर्ट पहले दिन महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जैसे कि एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने को चुनौती देने वाली याचिका, फ्लोर टेस्ट को चुनौती देने वाली याचिका, व्हिप जारी करने, स्पीकर का चुनाव आदि.
अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की गईं, जिस पर छुट्टी के बाद सुनवाई होनी है. पत्रकार मोहम्मद जुबैर और रोहित रंजन की दलीलें भी सुनवाई के लिए आएंगी. अदालत ने छुट्टी के दौरान संबंधित पत्रकारों को जमानत और गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. भीमा कोरेगांव के एक आरोपी कवि वरवर राव ने भी अपने बुढ़ापे और स्वास्थ्य के कारण राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसका फैसला अदालत द्वारा छुट्टियों के बाद किया जाएगा.
गौरतलब है कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान कोर्ट पूरी तरह से बंद नहीं होता है बल्कि रोटेशन के आधार पर बेंचों का गठन किया जाता है. छुट्टियों के दौरान आने वाले मामलों से निपटने के लिए आमतौर पर दो पीठों का गठन किया जाता है.
अबू सलेम की याचिका पर आ सकता है फैसला : सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को प्रत्यर्पित गैंगस्टर अबू सलेम की उस याचिका पर अपना आदेश देगा जिसमें इस मुद्दे को उठाया गया था कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, उसकी जेल की अवधि 25 साल से अधिक नहीं हो सकती है. इससे पहले मई में, जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने दोनों पक्षों की बहस पूरी करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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